प्रखर वाराणसी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही भ्रष्टाचार खत्म करने के लाख दावे करती हो लेकिन ताजा मामला उसके सारे दावों पर पानी फेरने के लिए पर्याप्त है। बता दे की उत्तर प्रदेश राज्य की निर्माण निगम के इकाई प्रभारी मनोज यादव के खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान के वाराणसी सेक्टर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई इंस्पेक्टर विवेक मिश्रा की तहरीर के आधार पर की गई है । गौरतलब है कि विवेक मिश्रा ने बताया है कि 9 जुलाई 2021 को चोलापुर थाना के रामगांव पलही पट्टी के मूल निवासी मनोज यादव के खिलाफ खुली जांच का आदेश सतर्कता अधिष्ठान को दिया गया था जिसकी जांच रिपोर्ट 19 मार्च 2024 को सरकार को भेजी गई है। जांच में पाया गया है कि मनोज यादव ने प्रयागराज में उत्तर प्रदेश के राजकीय निर्माण निगम में अपर परियोजना प्रबंधक विद्युत इकाई के रूप में कार्य करते हुए वैध स्रोतों से 88 लाख 63 हजार 739 रुपए अर्जित किए जबकि इसी अवधि में मनोज यादव द्वारा 2 करोड़ 99 लाख 19 हजार 910 रुपए व्यय किए गए हैं । अब सवाल यह उठता है कि आखिर जिस व्यक्ति की कुल टोटल इनकम लगभग 90 लाख रुपए हो वह व्यक्ति ढाई करोड़ से ज्यादा कैसे खर्च कर सकता है। इस जांच के दौरान निर्धारित समय के भीतर मनोज यादव ने अपनी आय से 2 करोड़ 10 लाख 56 हजार रुपए अधिक व्यय किए है यह रुपए मनोज यादव की आय से 238 प्रतिशत ज्यादा है । इस संदर्भ में मनोज कुमार कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे सके लिहाजा मनोज कुमार का कृत्य भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है । इसी मामले में उन पर वाराणसी से सेक्टर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।