आईआईटी बीएचयू के वैज्ञानिकों ने खोजी कैंसर की दवा

आईआईटी बीएचयू के वैज्ञानिकों ने खोजी कैंसर की दवा

– सोनोडायनामिक थेरेपी से कैंसर कोशिकाओं होगी खत्म, सामान्य पर नहीं होगा असर

प्रखर वाराणसी। आईआईटी बीएचयू के रसायन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. साम्य बनर्जी ने कैंसर के उपचार की नई विधि ईजाद की है। इससे कम साइड इफेक्ट में कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में मदद मिलेगी। इसके तहत सोनोडायनामिक थेरेपी से कैंसर कोशिकाओं का खात्मा होगा। डॉ साम्य बनर्जी का दावा है कि इसका असर सामान्य पर नहीं होगा। डॉ. बनर्जी की इस ‘सोनोडायनामिक थेरेपी’ से कम खर्च में कैंसर का इलाज हो सकेगा और किडनी, हार्ट आदि अंगों को भी नुकसान नहीं होगा।
यह विधि गैर-आक्रामक कैंसर उपचार के विकास में महत्वपूर्ण कदम है। डॉ बनर्जी के शोध को न्यू हैंपशायर, अमेरिका में गॉर्डन रिसर्च कॉन्फ्रेंस ऑन मेटल्स इन मेडिसिन की ओर से आयोजित गॉर्डन रिसर्च कॉन्फ्रेंस में उत्कृष्ट पोस्टर पुरस्कार दिया गया है। इसी सम्मेलन में डॉ. बनर्जी के निर्देशन में कार्य कर रहे पीएम रिसर्च फेलो राजेश कुशवाहा ने शोध को विश्व भर के वैज्ञानिकों से साझा किया। पोस्टर के जरिये बताया कि आरई (वन) ट्राईकार्बोनाइल कॉम्लेक्सेस की चयनात्मक क्षमता ऐसी है कि वे लाइट या अल्ट्रासाउंड के संपर्क में आने पर कैंसर कोशिकाओं को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं, जबकि स्वस्थ कोशिकाएं सुरक्षित रहती हैं। इसलिए फोटोथेरेपी और सोनोडायनामिक कैंसर थेरेपी में आरई (वन) ट्राईकार्बोनाइल कॉम्प्लेक्सेस की संभावनाएं बचती हैं। इस विधि से इलाज में कैंसर की हानिकारक कोशिकाओं को लक्ष्य किया जाता है। डॉ. बनर्जी ने बताया कि अब तक कीमोथेरेपी में किडनी, हार्ट समेत अन्य आंतरिक अंगों को नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है, लेकिन सोनोडायनमिक थेरेपी में साइड इफेक्ट कम होगा जिससे कैंसर मरीजों के आगे का जीवन आसान बनाया जा सकता है। डॉ बनर्जी ने बताया कि सोनोडायनमिक थेरेपी का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। जल्द ही इसका पेटेंट कराया जाएगा। आईआईटी के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने डॉ. साम्य बनर्जी और उनकी शोध टीम को इस उपलब्धि पर बधाई दी है। जानकारों का कहना है कि यदि यह तकनीक सफल रही तो मरीजों का ईलाज करवाने में आसानी और किफायत भी रहेगी।