यूपी में सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड के पास लगभग तीन लाख करोड़ की सम्पत्ति
प्रखर डेस्क। लोकसभा में वक्फ बोर्ड बिल 2024 को सदन में रखने के बाद हुए हंगामे के बाद केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने बताया कि सरकार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेज दिया है। समझने वाली बात यह है कि आखिर वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर इतना बवाल क्यों मचा हुआ है । अकेले सिर्फ उत्तर प्रदेश में सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड के पास संख्या में लगभग 2.32 लाख संपत्तियां हैं, जिनकी अनुमानित कीमत करीब पौने तीन लाख करोड़ रुपये के करीब है।
सरकार वक्फ बोर्ड की कुल संपत्तियों का ब्यौरा जुटाने में लगी हुई है। यूपी में सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड के पास उनकी कितनी संपत्तियों पर अवैध कब्जा है। इसका सरकार के पास कोई अब तक कोई लेखा-जोखा नहीं है। वक्फ बोर्ड की संपत्तियों में विवाद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्तमान में कुल 65 हजार से अधिक मामले ट्रिब्यूनल में लंबित हैं। अकेले उत्तर प्रदेश में सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास कुल संपत्तियों की संख्या 117161 है। जिसने टीले वाली मस्जिद, लखनऊ,जामा मस्जिद, लखनऊ नादान महल मकबरा लखनऊ,शाही अटाला मस्जिद जौनपुर,दरगाह सैयद सालार मसूद गाजी बहराइच, सलीम चिश्ती का मकबरा फतेहपुर सीकरी,
धरहरा मस्जिद वाराणसी, और शिया या वक्फ बोर्ड के पास संपत्तियों की संख्या 15386 है। जिसमें बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ,
छोटा इमामबाड़ा लखनऊ,इमामबाड़ा किला-ए-मुअल्ला रामपुर, मकबरा जनाब-ए-आलिया रामपुर,इमामबाड़ा खासबाग रामपुर,बहू बेगम का मकबरा फैजाबाद,दरगाहे आलिया नजफ-ए-हिंद, बिजनौर,और मजार शहीद-ए-सालिस आगरा, शामिल हैं। गौरतलब है की वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर सियासत तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि “यह बिल जो पेश किया जा रहा है वो बहुत सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है मैं इस बिल का विरोध करता हूं। इसके बाद फैजाबाद(अयोध्या) सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, “जमीन हड़पना, जमीन बनाने का कारोबार पूरे देश में(केंद्र सरकार) कर रहे हैं। अगर आप संविधान का अनुच्छेद 26 देखेंगे को उसमें जो प्रावधान है यह बिल उसके खिलाफ है, यह बिल संविधान का उल्लंघन है। इस संदर्भ में सरकार और संविधान विशेषज्ञ कहते है कि इसमें संविधान के किसी अनुच्छेद का उलंघन नहीं हो रहा है।