हॉस्पिटल का नाम नदारत,चिकित्सक लगा गिड़गिड़ाने बेसमेंट में चल रहा था अस्पताल, बोर्ड पर लिखा था पूर्व CMS के बेटे का नाम।
प्रखर डेस्क। मऊ जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा बेसमेंट में चलने वाले अस्पताल के साथ कोचिंग सेंटर, लाइब्रेरी, रेस्टोरेंट की जांच कर रहा है। इस बाबत जब स्वास्थ्य विभाग से पूछा गया तो अस्पताल के संचालन को लेकर विभाग असमंजस में था। कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं था।जिला प्रशासन और पुलिस टीम की कार्रवाई में शुक्रवार को नरई बांध के पास एक अस्पताल में छापा मारा गया। अस्पताल के बेसमेंट में एक ऐसे अस्पताल का संचालन पाया गया, जिस पर अस्पताल के नाम का कोई बोर्ड नहीं लगा था। पूरे अस्पताल पर किसी अस्पताल के नाम का कोई बोर्ड नहीं लगा था। पूरे भवन पर सिर्फ डॉ. अंब्रेश गुप्ता का नाम लिखा था।दिल्ली में बेसमेंट में कोचिंग संस्थान की घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार का यह शक्त निर्देशन है, प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा लगातार छापेमारी चल रही है। दोनों की संयुक्त टीमें ऐसे भवनों में चलने वाले अस्पताल, कोचिंग सेंटर, रेस्टोरेंट, लाइब्रेरी को बीते दिनों नोटिस जारी किया था। ऐसे सभी केंद्र को जिला प्रशासन से खाली कराने को लेकर समय मांगा था। लेकिन अवधि बीतने के बाद भी बेसमेंट खाली नहीं करने पर गुरुवार को सीटी मजिस्ट्रेट बृजेंद्र कुमार और सीओ सीटी अंजनी कुमार पांडेय और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी दिनेश कुमार के नेतृत्व में छापेमारी की गई। टीम के अस्पताल पहुंचने पर पाया गया कि अस्पताल का संचालन जिला अस्पताल के पूर्व सीएमएस के बेटे के नाम पर किया जा रहा था। पूरे भवन पर कही भी अस्पताल का नाम नहीं लिखा था और बेसमेंट से लेकर दीवारों पर डॉ. अंब्रेश गुप्ता लिखा था। अस्पताल के नाम को लेकर असमंजस में था स्वास्थ्य विभाग टीम के वहां पहुंचने पर पाया गया कि बेसमेंट में मरीजों को भर्ती किया गया था। वही पर मेडिकल स्टोर भी चलाया जा रहा था। टीम ने चिकित्सक का बुलाया तो वह पले तो सीटी मजिस्ट्रेट के पूछने पर बताया कि अस्पताल का पंजीकरण स्वास्थ्य विभाग में कराया गया है। लेकिन चिकित्सक कागज नहीं दिखा सका। जिसके बाद सीटी मजिस्ट्रेट के तेवर तल्ख हो गए।
उन्होंने तत्काल कार्रवाई की बात कही तो चिकित्सक हाथ जोड़कर गिडगिड़ाने लगा। टीम ने चिकित्सक को एक दिन का अल्टीमेटम देकर बेसमेंट को खाली करने का निर्देश दिया चेताया कि बेसमेंट खाली नहीं करने पर चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अस्पताल को सीज किया जाएगा।