दृष्टि एवं दृष्टिकोण परिवर्तन का पर्व है रक्षाबंधन
प्रखर सैदपुर। तिलक लगाकर रक्षा सूत्र बांधकर रक्षा का केवल संकल्प करने मात्र का पर्व नही है रक्षाबंधन अपितु यह दिशा दृष्टि और दृष्टिकोण परिवर्तन का पर्व है।यह बात प्रांत कार्यवाह मुरली पाल ने सैदपुर स्थित मोहन लाल सरस्वती विद्या मंदिर परिसर में रक्षाबंधन उत्सव की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कही। प्रांत कार्यवाह ने आगे कहा कि शोषित्तो वंचितों की सेवा सुरक्षा का संकल्प ही हिंदू रक्षा का विकल्प है।
सेवा बस्तियों में जाकर स्नेह सूत्र के इस त्योहार को मनाए जाने से समरसता और सद्भाव का वातावरण तैयार होगा जो सामाजिक परिवर्तन का महत्वपूर्ण आधार साबित होगा।निरक्षर को साक्षर बनाने अक्षम को सक्षम बनाने छूत अछूत का भेद मिटाने एवं भाई चारा स्थापित करने में रक्षाबंधन उत्सव के माध्यम से हमे अपनी असरदार भूमिका तय करनी चाहिए।रक्षाबंधन में अटूट प्रेम का भाव छिपा है।इससे हम संस्कृति से आबद्ध होते है और धर्म निभाने का संकल्प लेते है।केवल बहन की रक्षा का संकल्प नही बल्कि संपूर्ण नारी समाज की रक्षा का धर्म निभाने को तत्पर रहना चाहिए।इतना ही नहीं हिंदू धर्म, हिंदुत्व की रक्षा,संपूर्ण समाज की रक्षा और राष्ट्र रक्षा की चेतना जगाने का यह पर्व हमारी पुरातन सनातन संस्कृति की पहचान है।इसका आध्यात्मिक,पौराणिक,सामाजिक और ऐतिहासिक महत्व है।इसलिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मनाए जाने वाले मुख्य 6 उत्सवों में इसे प्रमुखता से मनाए जाने के लिए हिंदू समाज से आग्रह करता है। जाति पंथ अमीर गरीब के भेद को मिटाने के साथ ही समर्थ हिंदू और सशक्त भारत के निर्माण में रक्षाबंधन जैसे भावपूर्ण त्योहार का योगदान महत्वपूर्ण है।संचालन विभाग पर्यावरण प्रमुख संजय सिंह ने किया। मुख्य रूप से नगर संघचालक प्रहलाद जायसवाल खंड संघचालक अजय दुबे नगर कार्यवाह दयानंद नगर खंड प्रचारक नितिन जी नगर सह संघचालक डा0 के जी मिश्रा एड जितेंद्र सिंह प्रधानाचार्य राजेश लाल श्रीवास्तव तथा हरिकरण वर्मा सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे