काशी में विराजेंगे लालबाग के राजा, सात सितंबर से शुरु होगा आयोजन
प्रखर वाराणसी। 7 सितंबर से शुरू होने जा रहे गणेश उत्सव कार्यक्रम को काशी में भी धूमधाम से मनाने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। सनातन हिंदू समाज द्वारा मनाया जाने वाला यह कार्यक्रम भगवान श्री गणेश के जन्मोत्सव पर मनाया जाता है । खासकर मराठी सामाज इस आयोजन को बड़े पैमाने पर और धूमधाम से मानता है। शिव की नगरी काशी में सात सितंबर से गणेशोत्सव शुरू हो रहा है। मराठी समाज के परिवारों में गणपति देव विराजेंगे। सार्वजनिक गणेशोत्सव के लिए पंडाल आकार लेने लगे हैं। वहीं, गणेश जी की मूर्तियां भी आकार ले चुकी हैं। इस बार गणेश उत्सव को लेकर काशी के श्रद्धालु विशेष रूप से उत्साहित हैं क्योंकि मुंबई के विश्व प्रसिद्ध लाल बाग के राजा की प्रतिमूर्ति इस बार बनारस में सात जगह पर स्थापित होने जा रही है।काशी में ठठेरी बाजार स्थित शेरवाली कोठी और बीएचयू आईआईटी में स्थापित होगी। जबकि पूरे पूर्वांचल में उनकी सात प्रतिमाएं स्थापित होंगी। जिसमें आजमगढ़ में दो और मिर्जापुर, गोपीगंज (भदोही), गाजीपुर में एक-एक प्रतिमाएं स्थापित होंगी। इसके अलावा प्रतापगढ़, अकबरपुर, कानपुर, पटना आदि शहरों के पंडालों में ये प्रतिमाएं स्थापित होंगी। प्रतिमाएं ही नहीं मुंबई से वस्त्र और शृंगार की सामग्रियां भी आ रही हैं। बीएचयू आईआईटी के धनराज गिरि हॉस्टल में लालबाग के राजा की प्रतिमूर्ति स्थापित होगी। बता दें कि लालबाग के राजा की मूर्तियों की बनावट सबसे अलग होती है । आईटी बीएचयू में महाराष्ट्र के करीब 400 छात्र यहां गणेशोत्सव मनाएंगे। काशी में पिछले 17 सालों से मुंबई के लालबाग के राजा की प्रतिमूर्ति स्थापित होती है। ये प्रतिमूर्तियां मुंबई में ही तैयार हुई हैं और अब वे यहां आने को तैयार हैं।n30 अगस्त को मूर्तियां वाहन मुंबई से चले हैं और चार सितंबर को यहां पहुंच जाएंगे। 7 सितम्बर से अगले 11 दिन तक इन मूर्तियों को पंडालों रख कर विधिवत पूजा पाठ का आयोजन होगा।