गाजीपुर – पिता की हत्या में 8 साल से फरार चल रहे 50 हजार के इनामी को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार
प्रखर गाजीपुर। यूपी एसटीएफ को बड़ी सफलता हाथ लगी है। 8 साल से फरार चल रहे 50 हजार के इनामी प्रदीप कुमार को एसटीएफ ने चारबाग रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि जनपद में 2016 में हुई अस्पताल संचालक की हत्या के मामले में 8 साल से फरार चल रहे संचालक के बेटे जिस पर इसी हत्या मामले में 50 हजार का इनाम घोषित था उसे गिरफ्तार किया है। यह हत्या अवैध प्रेम प्रसंग के चलते हुई थी। 2016 में एक शव बोरे में औड़िहार वाले रोड पर शादीभादी गांव के पास पुलिस ने बरामद किया था। पुलिस जॉच में इस मामले में खुलसा हुआ कि यह शव अस्पताल संचालक रामअवध की है जो आजमगढ़ के तरवां थाना क्षेत्र स्थित सिंहपुर रकैचा गांव का रहने वाला था। रामअवध की हत्या के मामले में रामअवध की पत्नी, बेटे प्रदीप कुमार, संदीप कुमार और आशीष कुमार का नाम सामने आया था। पुलिस ने रामअवध की पत्नी,और उनके बेटे संदीप और आशीष को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी प्रदीप लगातार फरार चल रहा था। इसकी गिरफ्तारी पर कुछ दिन पहले पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था। इस संदर्भ में खानपुर थानाध्यक्ष प्रवीण यादव ने बताया कि 2016 से फरार चल रहे 50 हजार के इनामी और पिता के हत्यारे को एसटीएफ टीम ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है। इस मामले में पुलिस कानूनी कार्रवाई में जुटी हुई है। गिरफ्तार आरोपी प्रदीप कुमार ने बताया कि उसके पिता का मऊ चिरैयाकोट में आशीष नर्सिंग होम के नाम से हॉस्पिटल था। पिता का एक महिला सहकर्मी से संबंध हो गया था। विवाद होने के चलते रामअवध ने अस्पताल बंद कर दिया और महिला सहकर्मी के साथ मिलकर जहानागंज, जनपद आजमगढ़ में दूसरा अस्पताल खोल लिया था। महिला सहकर्मी को लेकर पिता से घर में विवाद हुआ था। इस दौरान उसने, उसके भाई और मां ने मिलकर रामअवध की रस्सी से गला दबाकर हत्या कर दी थी लाश खानपुर थाना क्षेत्र के शादी- भादी गांव की सड़क पर बोरे में भर कर फेक दिया था। 11 जुलाई 2016 को रामअवध का शव गाजीपुर के खानपुर शादीभादी में मिला था। जिसके बाद इस मामले में पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू किया और इस मामले में अवैध प्रेम प्रसंग की कहानी निकल कर सामने आई थी। इस मामले का आखिरी आरोपी भी अब पुलिस की गिरफ्त में आ गया है।