पुलिस हिरासत में व्यापारी की मौत, थानाध्यक्ष समेत अन्य पुलिसकर्मी पर हत्या का मुकदमा दर्ज

पुलिस हिरासत में व्यापारी की मौत, थानाध्यक्ष समेत एक पुलिसकर्मी पर हत्या का मुकदमा दर्ज

प्रखर डेस्क। लखनऊ के चिनहट थाना में पुलिस कस्टडी में शुक्रवार की रात एक व्यापारी की मौत हो गई परिवारीजनों ने थाने में टॉर्चर और हत्या का आरोप लगाते हुए देर रात लोहिया संस्‍थान के पास सड़क पर जमकर प्रदर्शन किया लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से खदेड़ दिया था। सूचना पर पहुंचे परिवारीजनों ने शनिवार शाम पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने और उन्हें सस्पेंड करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। वे सड़क जाम करने चले तो पुलिस ने बलपूर्वक उन्हें अस्पताल परिसर में धकेल दिया। देर शाम परिवारीजनों ने इस मामले में तहरीर दी हंगामे की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे आला अधिकारियों ने परिजनों को समझने का प्रयास किया लेकिन मामला लगातार बिगड़ता चला गया। इसके बाद देर शाम चिनहट थाने में वहां के एसएचओ अश्‍वनी चतुर्वेदी और अन्‍य के खिलाफ बीएनएस 103(2) के तहत हत्‍या का केस दर्ज कर लिया गया है। गौरतलब है कि चिनहट के जैनाबाद इलाके में स्कूल यूनिफॉर्म का व्यापार करने वाले मोहित पांडेय (30) का यूनिफॉर्म सप्लाई करने वाले लौलाई निवासी आदेश से शुक्रवार रात लेनदेन का विवाद हुआ। 112 पर शिकायत करने पर पुलिस रात करीब 10 बजे मोहित और आदेश को चिनहट कोतवाली ले गई। सूचना पर थाने पहुंचे मोहित के बड़े भाई सोभाराम को भी पुलिस ने लॉकअप में डाल दिया। भाई का आरोप है कि पुलिस के टॉर्चर से मोहित ने लॉकअप में ही दम तोड़ दिया। इस मामले में मां तपेश्वरी ने एडीसीपी ईस्ट पंकज सिंह के नाम प्रर्थना पत्र लिखा है। जिसमें साफ तौर पर पुलिसकर्मियों पर टॉर्चर और मारपीट का आरोप लगाया है। लॉकअप में ही मौत का आरोप भी लगाया है। मां ने इस मामले में आदेश, उसके चाचा और इंस्पेक्टर चिनहट अश्वनी चतुर्वेदी व अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने और आरोपित पुलिसकर्मियों के सस्पेंशन की मांग की है। मोहित की मौत की सूचना मिलने के बाद से उसकी पत्नी सोनी बेसुध हो गई है। वह बार-बार मोहित का चेहरा देखने की जिद्द कर रही है। परिवारीजनों ने बताया कि मोहित के तीन बच्चों शिवानी (10), बिट्टू (5) और छोटू (3) हैं। मृतक मोहित के परिवारीजनों का आरोप है कि पुलिस ने दबाव बनाकर मोहित का शव पोस्टमॉर्टम हाउस भिजवा दिया और पांच लोगों को भी दबाव बनाकर पंचनामे के लिए ले गए। मृतक के परिवार ने सरकार से 50 लाख रुपए का मुआवजा और नौकरी की मांग करते हुए शव को लेकर लोहिया अस्पताल के बाहर सड़क जाम कर दिया था। पुलिस को स्थिति संभालने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ी पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा लिखे जाने के बाद परिजन वहां से शव लेकर गए।