मुख्यमंत्री के निर्देश पर तीन शताब्दी पुरानी ड्रेनेज व्यवस्था को दुरुस्त करने वाराणसी पहुंचेगे सभी विभागों के प्रमुख सचिव

तीन शताब्दी पुरानी ड्रेनेज व्यवस्था को दुरुस्त करने वाराणसी पहुंचेगे सभी विभागों के प्रमुख सचिव

प्रखर वाराणसी। पौराणिक नगरी काशी के तीन शताब्दि पुरानी ड्रेनेज व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए उत्तर प्रदेश के सभी विभागों के प्रमुख सचिव जल्द ही बनारस पहुंच रहे हैं । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी की ड्रेनेज व्यवस्था को लेकर नाराज की जताई थी जिसके बाद आनन- फानन में इसे दुरुस्त करने का खाता तैयार किया गया और लखनऊ से सभी विभागों के प्रमुख सचिवों को यहां पहुंचने का निर्देश दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में सीवेज सिस्टम को लेकर समस्या लगातार सामने आ रही थी। इस संबंध में मामला सीएम योगी तक उठाया गया था। वाराणसी पौराणिक शहरों में से एक है। भगवान भोलेनाथ के शहर वाराणसी में सीवेज की समस्या पर मंथन शुरू किया गया। नवंबर के पहले सप्ताह में प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। इसके बाद आगामी कार्ययोजना पर क्रियान्वयन शुरू किया जाएगा। इस संदर्भ में मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री के निर्देश के तहत सरकार के संबंधित विभागों के प्रमुख सचिवों को पत्र लिखा गया है। सरकार की ओर से नवंबर के पहले हफ्ते में बैठक की जानकारी दी गई है। इस बैठक को लेकर जनप्रतिनिधियों से भी सुझाव मांगे जाएंगे। सीवेज और पेयजल की समस्या को दुरुस्त करने के लिए तैयार होने वाली कार्ययोजना में जिले के सभी जनप्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने 7 अक्टूबर के वाराणसी दौरे पर सीवेज और पेयजल की समस्याओं का मसला उठाया था। उन्होंने इन समस्याओं के समुचित समाधान नहीं होने पर नाराजगी जताई थी और मंडलायुक्त को निर्देश दिया कि प्रमुख सचिव आवास, सिंचाई, नगर विकास और नमामि गंगे के साथ बनारस में बैठक हो। समस्या के समाधान के लिए जल्द से जल्द ठोस योजना तैयार किया जाए। इसके बाद से वाराणसी में तीन शताब्दी पुरानी सीवेज सिस्टम को दुरुस्त किए जाने की योजना तैयार की जा रही है। इस नई कार्य योजना की खास बात यह होगी की पुरानी ड्रेनेज व्यवस्था को छेड़ बगैर ही नई ड्रेनेज व्यवस्था को स्थापित करने की चुनौती अधिकारियों के सामने रहेगी।