दिवाली के बाद पूर्वांचल की हवा खराब, बनारस में वायू गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 100 के पार
प्रखर डेस्क। आमतौर पर दीपावली से पहले और दीपावली के बाद दिल्ली और एनसीआर केहालात से पूरा देश हैरान हो जाता है। ठंड से पहले की धुंध और प्रदूषण लोगों का जीना मुश्किल कर देता है। लेकिन इस बार देश की राजधानी से करीब 720 किलोमीटर दूर देश की धार्मिक राजधानी काशी में भी इस बाद वायू प्रदूषण का बड़ा असर दिखाई पड़ रहा है। शहर के लगभग सभी प्रमुख इलाकों में एयर क्वॉलिटी इंडेस्स (AQI ) का आंकड़ा 100 के पार देखा जा रहा है। छोटी दीपावली के बाद से ही शहर में जमकर हुई आतिशबाजी ने शहर के सबसे प्रदूषण मुक्त भाग BHU परिसर को भी अपने लपेटे में ले लिया है। दिवाली की सुबह वाराणसी के BHU क्षेत्र में AQI 160 रिकॉर्ड किया गया। जबकि शहरी क्षेत्र के लहुराबीर में 154 मलदहिया पर 152 अर्दली बाजार में 115 सहित अन्य क्षेत्रों में भी AQI 100 के ऊपर रिकॉर्ड किया गया। जनपद में दिवाली के अवसर पर हुई आतिशबाजी के बाद न सिर्फ सड़कों पर कूड़ो का ढेर लग गया है बल्कि शहरी क्षेत्र के प्रदूषण स्तर में भी भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है। खास तौर पर 31 अक्टूबर की रात्रि में जमीन से लेकर आसमान तक प्रकाश पर्व के दौरान हुई जो आतिशबाजी देखने को मिली उसी के परिणाम स्वरूप शहर की हवा खराब हुईं है। ऐसे में अगर इसी तरह वाराणसी में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ता रहा तो निश्चित ही लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है। इन दिनों आंखों में जलन और सांस फूलने की समस्या को बेहद गंभीरता से लेना चाहिए। नवजात शिशु और छोटे बच्चों को ऐसी स्थितियों में बाहर निकलते समय अधिक बचाव करना चाहिए। इस विषय में चिकित्सकों का कहना है कि ठंड के शुरुआती दिनों में विशेष तौर पर दीपावली के दौरान हुई आतिशबाजी के बाद आसपास के प्रदूषण – धुंध से बेहद सतर्क रहना चाहिए।बाहर निकलते समय सभी को अच्छे मास्क का चेहरे पर प्रयोग करना चाहिए। खासतौर पर जिन्हें अस्थमा, एलर्जी, श्वास संबंधित समस्या है उन्हें बहुत सावधानी रखनी चाहिए।