बनारस में देव दीपावली पर होटलों में जगह नहीं 4 हजार वाली नावों की बुकिंग 1 लाख के पार!

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बनारस में देव दीपावली पर होटलों में जगह नहीं 4 हजार वाली नावों की बुकिंग 1 लाख के पार!

प्रखर वाराणसी। काशी में मनाई जाने वाली देव दीपावली की अद्भुत छठा देखने के लिए देवता भी महादेव की नगरी में पहुंचते हैं। तो वहीं समूची दुनिया से श्रद्धालु और पर्यटक भी पहुंच कर शिव नगरी में इस अलौकिक उत्सवों का आनंद लेते है। इधर बनारस में देव दिवाली की तैयारियां जोरों पर हैं। प्रशासन ने इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए दिन रात एक कर दिया है। वाराणसी के जिलाधिकारी ने इसका जिम्मा खुद उठाया है। इस बार देव दिवाली पर काशी के घाटों पर 17 लाख दीप जलेंगे। इस अद्भुत नजारे को निहारने के लिए करीब 10 से लाख से ज्यादा पर्यटको के काशी पहुंचने का अनुमान है। होटल में जगह नहीं है सभी होटलों ने नो वेकेंट का बोर्ड लगा दिया है। देव दिवाली का खूबसूरत नजारा बीच गंगा में नाव से और भी अद्भुत नजर आता है। यही वजह है कि देव दिवाली पर नावों की खासी डिमांड होती है। हाल ये है कि देव दिवाली से पहले ही बनारस के 90 फीसदी से ज्यादा नाव बुक हो चुके हैं। शेष नावों की बुकिंग के लिए भी लगातार नाविकों से सम्पर्क किया जा रहा है। नावों की मांग का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 20 हजार वाला बजड़ा भी 1 लाख में बुक किया जा रहा है। इसके अलावा छोटे, बड़े और मझले नाव की बुकिंग भी 20 से 70 हजार रुपये में हो रही है। इसके अलावा बहुत से नाव मालिक स्पॉट बुकिंग के लिए भी तैयार बैठे हैं। इसके लिए भी बड़ी नाव में 800 से 1000 रुपये प्रति व्यक्ति खर्च आयेगा।
बताते चलें कि देव दिवाली की शाम जब घाटों पर दीपों की असंख्य माला जलती तो इस अद्भुत छटा को नाव के जरिए बीच गंगा से निहारने की हसरत हर पर्यटक को होती है। यही वजह है कि इस दिन महज 2 से 3 घंटे के लिए नाव की बुकिंग हजारों नहीं बल्कि लाखों में होती है। देश विदेश से पर्यटक इस दिन का पूरे साल इंतजार करते हैं। नाव मालिक भी घाटों के साथ-साथ अपने नाव को दुल्हन की तरह सजाते हैं । प्रशासन ने इस बार नाव मालिकों को विशेष निर्देश दिया है कि उनकी नाव पर लाइव जैकेट का होना अनिवार्य है। वह उन्हें पर्यटक को अपने नाव पर लाइफ जैकेट पहनने के लिए तैयार रखेंगे । गौरतलब है कि प्रशासन किसी भी आपदा से निपटने के लिए पहले से ही तैयारी कर रहा है । इसी संदर्भ में नाव मलिक और उनके संगठनों को यह निर्देश दिया गया है कि गंगा में नाव पर बैठने वाले के लिए लाइफ जैकेट अनिवार्य है। बिना जैकेट के सवारी कराने वाले नाविक पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।