सच्चा संत शांत नहीं बैठ सकता 500 वर्षों का इंतजार हुआ खत्म – योगी आदित्यनाथ

सच्चा संत शांत नहीं बैठ सकता 500 वर्षों का इंतजार हुआ खत्म – योगी आदित्यनाथ

प्रखर वाराणसी। स्वर्वेद महामंदिर के विहंगम योग संत समाज के शताब्दी समारोह में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- सच्चा संत और सच्चा योगी कभी भी हाथ पर हाथ धरे बैठा नहीं रह सकता है। एक काम पूरा तो दूसरे पर लग जाता है। योगी ने कहा- हमारा हर कार्य देश के नाम होना चाहिए। हमारा देश सुरक्षित है तो हमारा धर्म भी सुरक्षित है। हमारा धर्म सुरक्षित है तो हम भी सुरक्षित हैं। स्वर्वेद महामंदिर के परिसर में बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा यह देश सैकड़ों साल गुलामी की बेड़ियों से जकड़ा हुआ था । गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए अपनी आध्यात्मिक साधना के साथ-साथ सदगुरु सदाफल महाराज ने आजादी के आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया और राष्ट्र निर्माण में अपनी प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने राम मंदिर निर्माण पर बोलते हुए कहा कि हमारा 500 साल का इंतजार खत्म हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने 22 जनवरी 2024 को 500 वर्षों का इंतजार समाप्त करते हुए अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में रामलला फिर से विराजमान हुए हैं। प्रधानमंत्री ने 10 वर्षों काशी की काया पलट कर रख दिया है। आज काशी में नमो घाट जो देश ही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा घाट है। जहां हेलीपैड भी है यह परिकल्पना प्रधानमंत्री की है। 2014 में प्रधानमंत्री में काशी की जनता ने जो विश्वास जताया है उसी का प्रतिफल है कि आज काशी में इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्य- चाहे सड़क, 2014 से पहले था उससे 100 गुना बेहतर बनी है। अब काशी से हल्दिया के बीच जलमार्ग का उपयोग करते हुए भी अपनी यात्रा को आगे बढ़ा सकते हैं। काशी में देव मंदिरों का कायाकल्प हुआ है। स्वर्वेद महामंदिर में उमड़े जन सैलाब को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एक कुंभ यहां पर है, तो दूसरा महाकुंभ प्रयागराज में 13 जनवरी से प्रारंभ होने वाला है। उन्होंने कहा कि हमने प्रयागराज महाकुंभ को सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दिला दी है। यही नहीं यह वर्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस बार का महाकुंभ विश्व पटल पर सनातनी आस्था,अध्यात्म और विश्वास का ऐसा अमिट छाप छोड़ने जा रहा है जिसके आलोक के सामने बड़े बड़े सूर्य मद्धम नजर आएंगे। हमें एक लक्ष्य मिलने के बाद चुपचाप नहीं बैठना है अगले लक्ष्य के लिए लगातार आगे बढ़ना है।