UPI की सफलता दूसरे देशों के लिए बनी प्रेरणा शोधपत्र जारी,300 मिलियन लोगों ने किया उपयोग

UPI की सफलता बनी दूसरे देशों के लिए बनी प्रेरणा शोधपत्र जारी,300 मिलियन लोगों ने किया उपयोग

प्रखर डेस्क। एक शोधपत्र में यह दावा किया गया है कि भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की सफलता अन्य देशों के लिए एक अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत करती है। इस शोधपत्र में यह तर्क दिया गया है कि कैसे यूपीआई ने सार्वजनिक डिजिटल संरचना और ओपन बैंकिंग नीतियों को जोड़कर वित्तीय दबाव को कम किया है और नए अवसर को बढ़ावा दिया है। शोध के अनुसार 2016 में लॉन्च होने के बाद, यूपीआई ने देशभर में 300 मिलियन व्यक्तियों और 50 मिलियन व्यापारियों को डिजिटल लेन-देन करने में सक्षम बनाया है, और अक्टूबर 2023 तक भारत में 75% खुदरा डिजिटल भुगतानों का संचालन यूपीआई के माध्यम से हुआ है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने भारत में वित्तीय समावेशन को व्यापक रूप से बढ़ाया है, जिससे वंचित और सीमांत उधारकर्ताओं को पहली बार औपचारिक ऋण तक पहुंचने में मदद मिली है, यह दावा एक नए शोध पत्र में किया गया है। यह शोधपत्र यह भी बताता है कि यूपीआई सक्षम डिजिटल लेन-देन डेटा ने ऋणदाताओं को जिम्मेदारी से ऋण विस्तार करने में भी मदद किया है। जिससे डिफ़ॉल्ट दरों में वृद्धि नहीं हुई है, हालांकि क्रेडिट में वृद्धि देखी गई है। UPI की सफलता ने न केवल भारत, बल्कि अन्य देशों में भी डिजिटल वित्तीय लेनदेन को बढ़ावा दिया है। अब इसे एक वैश्विक मॉडल के रूप में देखा जा रहा है। उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में यह मॉडल लेनदेन के नए मानक स्थापित करेगा।