22 जनवरी को शादी 2 फरवरी को मौत, आमने सामने की भिड़ंत में 10 दिन में उजड़ गया मंजू का सुहाग
प्रखर सादात गाजीपुर । 6 बहनों के इकलौते भाई की रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई। 22 जनवरी को उसकी शादी हुई थी। पत्नी अब किसके सहारे रहेगी जिंदा। सादात थाना क्षेत्र के प्यारेपुर साधु कुटी के पास रविवार की सुबह दो बाइकों की आमने-सामने की जबरदस्त भिड़ंत में आजमगढ़ जिले के तरवां थाना क्षेत्र के भगवानपुर खिलवां निवासी 27 वर्षीय कुंदन यादव की मौत हो गई। वहीं दूसरा बाइक सवार गंभीर रुप से घायल हो गया, जिसे इलाज हेतु वाराणसी ट्रामा सेंटर भेजा गया है उसकी स्थित भी चिंता जनक बनी हुई है । जानकारी के अनुसार मृतक कुंदन यादव छह बहनों में इकलौता भाई था। बीते 22 जनवरी को ही उसकी शादी हुई थी। वाराणसी के पहाड़िया में रहकर हलवाई का काम करता था। घटना की सूचना के बाद परिजनों समेत पूरे गांव में कोहराम मच गया और सादात थाने में काफी संख्या में कुंदन के गांव के लोग और परिजन पहुंच गए। पुलिस ने मृतक के चचेरे भाई की तहरीर पर केस दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही दोनों बाइकों को कब्जे में ले लिया गया है। जानकारी अनुसार भगवानपुर खिलवां गांव निवासी पेशे से पहड़िया मंडी में पल्लेदार श्यमलाल यादव का इकलौता पुत्र कुंदन यादव रविवार की सुबह अपने सात वर्षीय भांजा अस्मित और 12 वर्षीया भांजी मुस्कान को बाइक से बैठाकर वाराणसी जा रहा था। इसी दरम्यान विपरीत दिशा से आ रहे सादात थाना क्षेत्र के बड़ागांव निवासी बाइक सवार अखिलेश यादव पुत्र लालमनि यादव से प्यारेपुर साधु कुटी के पास दोनों बाइकों में आमने-सामने टक्कर हो गई। इस टक्कर में कुंदन की मौके पर ही मौत हो गई जबकि सैदपुर सीएचसी पर भर्ती अखिलेश यादव को ट्रामा सेंटर वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया।थानाध्यक्ष कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने तीनों घायलों को मिर्जापुर पीएचसी भेजा, जहां चिकित्सकों ने कुंदन यादव को मृत घोषित कर दिया, जबकि दोनों बच्चों की मरहम पट्टी किया गया। हादसे की सूचना मिलते ही मृतक की माता उर्मिला यादव, पिता श्यामलाल यादव रोते बिलखते मिर्जापुर पीएचसी पहुंचे तो पुत्र का शव देखकर करुण क्रंदन करने लगे, जिससे सभी की आंखें भर आई। मृतक कुंदन की शादी अभी बीते 22 जनवरी को आजमगढ़ के तरवां थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम खजुरा, फ़ुलाइच बोंगरिया की मंजू यादव के साथ धूमधाम के साथ हुई थी। मंजू के हाथ की मेंहदी का रंग अभी छूटा भी नहीं था तभी उसका सुहाग उजड़ गया।