वाह रे योगी जी की पुलिस लुटेरों से लूट लिया करोड़ों का सोना, वर्दी फिर हुई दागदार

वाह रे योगी जी की पुलिस लुटेरों से लूट लिया करोड़ों का सोना, वर्दी फिर हुई दागदार

– इंडियन ओवरसीज बैंक में लाकर से लूट का मामला
– 13 पुलिस कर्मी लाइन हाजिर

प्रखर डेस्क । इंडियन ओवरसीज बैंक के 42 लाकर से चोरी हुए सोने की बरामदगी में पुलिस ने ही खेल कर दिया। लुटा गया सोना वजन में 17 किलो था लेकिन पुलिस ने बरामदगी में सिर्फ 6 किलो ही दिखाया है। मामला खुलने के बाद डीसीपी पूर्वी शंशाक सिंह ने अपने विशेष दस्ते (स्वाट और सर्विलांस टीम) को भंग कर सभी को लाइन हाजिर कर दिया है और जांच एडीसीपी पंकज कुमार सिंह को सौंपी है। मामला लखनऊ के चिनहट थाने में दर्ज हुआ था। महीनों चले इस खेल में पुलिस ने मुठभेड़ में कई लुटेरों को गिरफ्तार किया वहीं एक लुटेरा मुठभेड़ में मारा गया था। लेकिन बैंक के खुलासे के बाद गुड वर्क करने वाले 13 पुलिस कर्मी लाइन हाजिर कर दिए गए हैं। जिन 13 लोगो को नोटिस दिया गया है उसमें से सिर्फ 3 पुलिस वालों ने अपने बयान दर्ज कराए हैं। लुटेरों को लूटने के चक्कर में खाकी एक बार फिर दागदार हो गई है। यह आरोप डीसीपी पूर्वी की स्वाट टीम पर लगा है। आरोप है कि बरामदगी के दौरान मिला सोना पुलिस वालों ने खुद ठिकाने लगा दिया है। पुलिस द्वारा लुट का माल कब्जाने की शिकायत मिलने के बाद उच्चाधिकारियों ने जांच पड़ताल कराई। अब तक की जांच में यह सामने आया है कि बैंक चोरी के बाद इनपुट के आधार पर पूर्वी जोन की स्वाट टीम में तैनात दारोगा सतीश कुमार, सिपाही अजय कुमार, मनोज कुमार सिंह और हितेश सिंह गाजीपुर जिले में दबिश डालने गए थे। वहां से माल बरामद करने के बाद ये लोग लौटे और मनोज को छोड़ सभी तत्काल छुट्टी पर चले गए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह सभी लोग चार से पांच दिन तक गायब रहे। इस दौरान उच्चाधिकारियों ने कार्रवाई पूरी कर ली, तब ये लोग लौटे।वहीं, बैंक मैनेजर ने जानकारी दी तो 12 किलो सोना के पुलिसिया हेराफेरी का मामला सामने आया है। जिसकी पुष्टि पुलिस ने भी किया है। इसके बाद दारोगा सतीश कुमार, रंजीत कुमार, अनुज सिंह, हेड कांस्टेबल परशुराम राय, हरिकिशोर, कांस्टेबल विशाल कुमार, हितेश सिंह, राहुल पांडेय, अजय कुमार, सचिन तोमर, विमल चंद्र पाल और महिला सिपाही शिल्पी पांडेय को लाइन हाजिर कर दिया गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पूर्वी की स्वाट टीम पहली बार सवालों के घेरे में नहीं आई है।

इससे पहले भी कई मामलों की शिकायत डीसीपी पूर्वी के पास पहुंच चुकी है। लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि घटना के बाद से छुट्टी पर थे चार पुलिसकर्मी, जोन के थानों से लगातार आ रही थीं शिकायतें
सवाल यह था कि दबिश देकर लौटे पुलिसकर्मियों को बिना वजह जाने इतने दिन की छु‌ट्टी किसने दी? कार्रवाई के दौरान स्वाट टीम के प्रमुख सदस्य गायब हुए तो डीसीपी ने पूछताछ क्यों ने की? इस मामले की जांच किसी और क्षेत्र की पुलिस से क्यों नहीं करवाई? इतने दिन से हो रही शिकायतों के बाद अब क्यों टीम को हटाया ? ऐसे ही हजारों सवाल लोगों के जेहन में तैर रहे हैं लेकिन किसी का जवाब आलाअधिकारियों के पास नहीं है। 13 पुलिस कर्मियों पर 17 किलो सोना और 60 लाख रुपए गबन का आरोप लगा है ।