महादेव की नगरी में सावन – शिवरात्रि से ज्यादा श्रद्धालू 9 दिन में 50 लख लोगों ने किया बाबा विश्वनाथ का दर्शन
प्रखर वाराणसी। महाकुंभ 2025 की भीड़ का असर बनारस में सबसे ज्यादा दिखाई दे रहा है। पिछले 9 दिनों में 50 लाख लोग बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं। 5 से 7 किलोमीटर तक की लाइन में लग कर श्रद्धालु अपने आराध्य देव का जलाभिषेक कर रहे हैं। काशी में 8 फरवरी को वीकेंड पर सबसे ज्यादा भीड़ रही पर्यटकों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर वाराणसी की सीमा पर ही बाहरी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है बावजूद इसके यहां भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। शहर में रूट डायवर्जन भी किया गया है। आंकड़ों में रोजाना 8 से 10 लाख लोग वाराणसी पहुंच रहे हैं। बाबा के दर्शन के लिए भक्तों को 5 से 7 घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है।
मंदिर प्रशासन की ओर से 1 फरवरी से लेकर 9 फरवरी की शाम 7 बजे तक के आंकड़े जारी किए गए हैं. इसके अनुसार 1 फरवरी को 5,69,360, दो फरवरी को 4,61,759, तीन फरवरी को बाबा के दरबार में 5,84,224, चार फरवरी को 5,09,133, पांच फरवरी को 4,89,223, 6 फरवरी को 4,56,586, सात फरवरी को 4,94,854,आठ फरवरी को 6,21,307 जबकि 9 फरवरी की शाम 7 बजे तक 4,39,690 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. 8 फरवरी को भक्तों की संख्या सबसे ज्यादा रही। मंदिर प्रशासन के अनुसार श्री काशी विश्वनाथ धाम में महाकुंभ के पलट प्रवाह के कारण दर्शनार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है। दर्शनार्थियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन ने श्री काशी विश्वनाथ धाम में विशेष व्यवस्था की है। दर्शनार्थियों की सुगमता के लिए विशेष लाइन की व्यवस्था भी की गई है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दूसरे राज्यों से सबसे ज्यादा है।
प्रयागराज,काशी फिर अयोध्या के लिए निकल रहे है। काशी में होटल, लॉज, धर्मशालाओं में जगह नहीं है। 2 हजार वाले होटल 12 हजार वसूल रहे हैं। बाहरी गाड़ियों को शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं है शहर की सीमाओं के बाहर सबको रोक दिया गया है। इसके बावजूद भीड़ को नियंत्रित करने में अधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने परिसर में अतिरिक्त कार्मिकों की तैनाती, स्वास्थ्य सुविधाएं और स्वच्छता व्यवस्था के लिए अतिरिक्त प्रबंध किए गए हैं।