वाराणसी – हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद पिंडरा में चल रहा अवैध ईंट भट्ठा, प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल!
हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद पिंडरा में चल रहा अवैध ईंट भट्ठा, प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
प्रखर वाराणसी। उत्तर प्रदेश के उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के आदेश के बाद भी पिंडरा तहसील के कठिरॉव गांव में अवैध रूप से संचालित ईंट भट्ठा बंद नहीं हुआ है। यह मामला विष्णु देव सिंह द्वारा उठाया गया है। इस संदर्भ में विष्णुदेव सिंह ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर किया है कि मेसर्स ओम श्री सद्गुरू ईंट उद्योग एक विद्यालय के बगल में संचालित हो रहा है। जिसे बिना उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) की एनओसी के चलाया जा रहा है। हाईकोर्ट ने इस मामले में आदेश पारित कर भट्ठे को सील करने का निर्देश दिया था, लेकिन इसके बावजूद ईंट भट्ठे का संचालन अनवरत जारी है। जानकारी के अनुसार, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिट-सी संख्या-5874/2024 में दिनांक 26 फरवरी 2024 को अवैध रूप से संचालित ईंट भट्ठे को बंद करने का आदेश दिया था। इसके अनुपालन में यूपीपीसीबी ने दिनांक 20 मार्च 2024 को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा-31 ए के तहत बंदी आदेश जारी किया था। जिलाधिकारी वाराणसी के निर्देशानुसार गठित अंतरविभागीय संयुक्त समिति ने दिनांक 2 मई 2024 को ईंट भट्ठे को बंद कराने की कार्यवाही की थी। लेकिन यह ईंट भट्टा अनवरत चलाया जा रहा है। इस संदर्भ में दिनांक 31 दिसंबर 2024 को दोबारा शिकायत की गई कि ईंट भट्ठा पुनः संचालित किया जा रहा है। इस पर प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की है। पिंडरा तहसील की एसडीएम, जो अपने कार्यों के प्रति समर्पण और पारदर्शिता के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी हैं, इस मुद्दे पर पूरी तरह से मौन हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश के बाद भी अवैध ईंट भट्ठे का संचालन क्यों जारी है? क्या प्रशासनिक अधिकारियों पर कोई राजनीतिक दबाव है या फिर यह मामला सरकारी आदेशों की अनदेखी का एक और उदाहरण बनकर रह जाएगा? राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी तरफ से इस मामले में प्रशासन को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे हुए हैं।पर्यावरण संरक्षण से जुड़े मामलों में इस तरह की लापरवाही प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। इस संदर्भ में जिलाधिकारी वाराणसी से उम्मीद है कि ईंट भट्ठे के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए और हाईकोर्ट के आदेश का तत्काल अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कब तक चुप्पी साधे रहेगा या फिर जनहित में कोई ठोस कदम उठाएगा।