पूर्वांचल में L.U.C.C. चिटफंड घोटाला: निवेशकों को ठगने वाली कंपनी का पर्दाफाश अबतक दर्ज हुए सैकड़ों मुकदमे

पूर्वांचल में L.U.C.C. चिटफंड घोटाला: निवेशकों को ठगने वाली कंपनी का पर्दाफाश अबतक दर्ज हुए सैकड़ों मुकदमे

प्रखर डेस्क। वाराणसी/गोरखपुर/आजमगढ़। पूर्वांचल के कई जिलों में लोगों को कम समय में पैसा दोगुना करने का सपना दिखाकर करोड़ों की ठगी करने वाली L.U.C.C. ( लोनी अर्बन क्रेडिट थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी) कंपनी का घोटाला सामने आया है। ललितपुर में इस चिटफंड कंपनी के एमडी समीर अग्रवाल और 50 हजार के इनामी रवि तिवारी समेत 26 लोगों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। इससे पहले भी इस कंपनी पर कई राज्यों में ठगी के मामले दर्ज हो चुके हैं।

*कैसे फैला जाल*?

पूर्वांचल के वाराणसी, गोरखपुर, आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, बलिया, भदोही, देवरिया और बस्ती जैसे जिलों में इस चिटफंड कंपनी ने अपनी शाखाएं खोलकर हजारों लोगों को लुभाया। कंपनी के एजेंट्स ने गांव-गांव जाकर लोगों को समझाया कि अगर वे इसमें निवेश करेंगे, तो उनका पैसा महज कुछ सालों में दोगुना हो जाएगा।

*एटीएम लगा कर जीता विश्वास*

कंपनी ने अपनी विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए एटीएम वैन और मशीनें लगवाईं, जिससे निवेशकों को यह लगे कि यह कोई बड़ी बैंकिंग संस्था है। निवेशकों को भरोसा दिलाने के लिए कंपनी ने यह भी दावा किया कि उनकी जमा पूंजी रियल एस्टेट, गोल्ड माइंस, कोयला कारोबार जैसी जगहों पर लगाई जा रही है, जिससे उन्हें ऊंचा रिटर्न मिलेगा।

*पुरस्कारों का लालच देकर फंसाया*

कंपनी के अधिकारियों ने लोगों को यह कहकर भी बहलाया कि जो ज्यादा निवेश करेगा, उसे कार, मोटरसाइकिल और कैश गिफ्ट दिए जाएंगे। कई जगहों पर कंपनी ने निवेशकों को कारों की चाभी थमाकर यह दिखाया कि वे अपने वादे पूरे कर रहे हैं, लेकिन असल में यह सब सिर्फ दिखावा था।

*ठगी का शिकार हुए गरीब और मध्यम वर्ग के लोग*

गांवों में मेहनत-मजदूरी करने वाले और छोटे कारोबारी इस जाल में फंसते चले गए। किसानों, गृहिणियों और पेंशनधारकों ने अपने जीवनभर की जमापूंजी और जेवर तक बेचकर इसमें निवेश कर दिया। लोगों ने अपने बच्चों के भविष्य और परिवार के सपनों को पूरा करने के लिए लाखों रुपये लगाए, लेकिन जब पैसे लौटाने का समय आया, तो कंपनी ने हाथ खड़े कर दिए।

*जुलाई 2024 में जब ठगे गए लोग पहुंचे पैसा मांगने*

आजमगढ़ जिले की रेखा देवी ने बताया कि उन्होंने और उनके रिश्तेदारों ने मिलकर लाखों रुपये इस कंपनी में जमा किए थे। जब पैसा वापस मांगने गए, तो कंपनी के स्थानीय अधिकारियों ने गाली-गलौज करके धमकाया और भगा दिया। गोरखपुर के रामजी गुप्ता ने भी बताया कि एलयूसीसी के एजेंटों ने उन्हें इस योजना में पैसा लगाने के लिए प्रेरित किया था, लेकिन जब भुगतान की बारी आई, तो कोई जवाब नहीं मिला। वाराणसी के सुनील यादव ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी के लिए बचाए गए पैसे इस कंपनी में लगाए थे, लेकिन अब उन्हें कुछ नहीं मिला।

*अब तक क्या हुआ*?

ललितपुर एसपी मोहम्मद मुश्ताक ने बताया कि कंपनी के एमडी समीर अग्रवाल फरार है, और उसकी गिरफ्तारी के लिए 50 हजार का इनाम घोषित किया गया है। पुलिस ने रवि तिवारी समेत 26 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच जारी है।