बीजेपी ने 70 जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों के नाम किए घोषित, 30 पर अभी भी रस्साकसी
प्रखर डेस्क। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने संगठन चुनावों के बाद 70 जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी है। हालांकि, अभी भी 30 जिलों और महानगरों के अध्यक्षों के नामों का ऐलान होना बाकी है। पार्टी संगठन में लंबे समय से चल रहे मंथन और गुटबाजी के बाद आखिरकार यह सूची जारी की गई, लेकिन इसमें शामिल नामों को लेकर जमीनी कार्यकर्ताओं और पार्टी के अंदरूनी हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। बीजेपी संगठन में जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों के चुनाव को लेकर पिछले कुछ महीनों से विवाद चल रहा था। कई जिलों में दावेदारों की लंबी कतार थी, और पार्टी नेतृत्व पर निष्पक्ष चयन का दबाव बना हुआ था। चुनावी प्रक्रिया के दौरान विभिन्न गुटों के टकराव के कारण निर्णय में देरी हुई, लेकिन अब पार्टी ने पहले चरण में 70 नामों की सूची जारी कर दी है। घोषित नामों में कई नए चेहरे शामिल किए गए हैं, जबकि कुछ पुराने अध्यक्षों को दोबारा मौका दिया गया है। इस फैसले से कई जगहों पर संतोषजनक प्रतिक्रिया देखने को मिली, लेकिन कुछ जिलों में कार्यकर्ताओं ने चयन पर सवाल उठाए हैं। सूत्रों के अनुसार, कुछ जिलों में वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की अनदेखी किए जाने की चर्चा है, जिससे असंतोष का माहौल बना हुआ है। बीजेपी नेतृत्व ने अब तक बाकी 30 जिलों और महानगरों के अध्यक्षों की घोषणा नहीं की है।
बताया जा रहा है कि इन स्थानों पर गुटबाजी और असहमति के कारण नामों पर सहमति नहीं बन पा रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता इन जिलों में संतुलन बैठाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि किसी भी गुट को पूरी तरह से नजरअंदाज न किया जाए। बीजेपी संगठन का लक्ष्य जल्द से जल्द लंबित नामों की घोषणा कर आगामी चुनावों की तैयारी शुरू करना है। पार्टी नेतृत्व इस बार युवा नेतृत्व को अधिक तरजीह देना चाहता है, लेकिन पुराने कार्यकर्ताओं की नाराजगी को भी दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। देखना होगा कि पार्टी बाकी 30 जिलों के अध्यक्षों के नाम कब तक घोषित करती है और इस फैसले से जमीनी स्तर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया कैसी रहती है।