*प्रखर एक्सक्लूसिव* बनारस रेल कारखाना में मनमाने तरीके से की गई रेल राजस्व की लूट पर 6 साल से खामोश हैं जांच अधिकारी!!

*प्रखर एक्सक्लूसिव*
बनारस रेल कारखाना में मनमाने तरीके से की गई रेल राजस्व की लूट पर 6 साल से खामोश हैं जांच अधिकारी

प्रखर वाराणसी । बनारस रेल कारखाना की तकलीन महाप्रबन्धक रश्मि गोयल को दिनांक 21/12/ 2019 को लिखे पत्र में सुशासन तथा केन्द्र राज्य शासकीय समन्वय विभाग काशी प्रान्त के सह संयोजक दामोदर दास गुप्ता ने बनारस रेल कारखाना (बरेका ) में एक फर्म को लाभ पहुंचाने के लिए की गई घपलेबाजी का जिक्र किया है। जिसको संज्ञान लेते हुए बरेका की तत्कालीन महाप्रबंधक रश्मि गोयल ने जांच का आदेश दिया था। जिसका एक्नॉलेजमेंट शिकायत कर्ता दामोदर दास गुप्ता से मांगा गया था। दामोदर दास गुप्ता की शिकायत को करीब 6 साल गुजर गए हैं लेकिन इस संदर्भ में बरेका के जिम्मेदार अधिकारियों ने चुप्पी साधी हुई है। दामोदर दास गुप्ता का आरोप है कि मे० नसरुल्ला कस्ट्रक्शन देवरिया को बरेका के जिम्मेदार अधिकारियों ने व्यक्तिगत लाभ के लिए रेल राजस्व की हानि करते हुए नियमों को अनदेखा करते हुए दिनांक में घपलेबाजी करके निविदा स्वीकृत किया है। दामोदर दास गुप्ता का आरोप है कि तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारी द्वारा घपलेबाजी करके एवं अन्य लोएस्ट निविदाकारों को काउण्टर ऑफर का भय दिखाकर पांचवें लोएस्ट मे० नसरुल्ला कन्स्ट्रक्शन, देवरिया को टाइल्स की निविदा लगभग 5.50 करोड की निविदा स्वीकृत की गई यह कार्य तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारी द्वारा व्यक्तिगत लाभ के लिए निविदा समिति में शामिल अन्य लोगों से L.A.R. सहित कुछ बातें छुपाकर दी गई है । दामोदर दास गुप्ता का आरोप है निविधा के कार्य के दौरान निविदा में और लगभग 2.40 करोड़ का कार्य बेरिएशन में किया गया। जिससे निविदा का कुल कार्य मूल्य लगभग 8.30 करोड़ में किया गया है। दामोदर दास गुप्ता का आरोप है। तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारी ने सुनियोजित तरीके निजी लाभ के लिए लगभग 4.00 करोड़ के रेल राजस्व की हानि पहुंचाई है। यही नहीं शिकायत के बाद भी इसी फर्म को जोनल कार्यों के लिए उच्च निविदा दर पर करोड़ों के दूसरे काम भी दिए गए हैं। बरेका कारखाना में निविदाओं के माध्यम से की गई लुट की शिकायत, सुशासन तथा केन्द्र राज्य शासकीय समन्वय विभाग काशी प्रान्त के सह संयोजक दामोदर दास गुप्ता ने सीवीओ बरेका ,पीसीई बरेका, सीनियर कमांडेंट रेसुब बरेका, रेल मंत्री,रेल राज्य मंत्री, नई दिल्ली के अलावा चेयरमैन, रेलवे बोर्ड और एस०पी०, सी०बी०आई०, लखनऊ को भी सुचित किया गया था। यह मामला सभी संबंधित और जिम्मेदार अधिकारियों के संज्ञान में होने के बाद भी इस पर 7 साल की चुप्पी बड़े भ्रष्टाचार और दामोदर दास गुप्ता के आरोपों पर मुहर लगाती है। अब सवाल यह है कि आखिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में स्थित केंद्रीय सरकार के अधीन आने वाले रेल मंत्रालय के प्रतिष्ठित बनारस रेल कारखाना में अपने निजी लाभ के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने खुलेआम भ्रष्टाचार को पाल रखा है और निविदाओं के माध्यम से करोड़ों के राजस्व की क्षति रेल कारखाना को लगाया है तो फिर अन्य जगहों और विभागों की स्थिति का अंदाज लगाना भी बहुत मुश्किल है।