आयुष कॉलेज प्रवेश घोटाला! बीजेपी किसान मोर्चा कोषाध्यक्ष डॉक्टर विजय यादव को एसटीएफ ने भेजा जेल

पत्नी को गाजीपुर जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने का सपना, सपना ने तोड़ दिया था!

प्रखर गाजीपुर/डेस्क। उत्तर प्रदेश के बड़े घोटालों में से एक आयुष कॉलेज प्रवेश घोटाले के तार अब गाजीपुर से भी जुड़ चुके हैं। बता दें कि गाजीपुर जिले के बड़े शिक्षा माफिया व कृष्ण सुदामा ग्रुप आफ कॉलेजेज के निदेशक और भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष डॉ विजय यादव को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बताते चलें कि डॉ विजय यादव उत्तर प्रदेश में जब जिस पार्टी की सरकार रहती थी, उसी पार्टी के होकर रह जाते। शुरुआती दौर में जब उन्होंने शिक्षा का कारोबार शुरू किया तो उस समय बसपा से विधायक रहे अमेरिका राम के सहारे बसपा में अपनी तगड़ी पैठ बनाते हुए बड़े- बड़े कारनामे किए। उसके बाद सरकार बदली और सरकार सपा की बन गई। फिर विजय यादव सपा के बेहद करीबी हो गए और छात्रवृत्ति से सहित तमाम तरह के घोटाले करते हुए अपना साम्राज्य को दिनों- दिन बढ़ाते गए। 2017 में बीजेपी की सरकार बनने के कुछ दिन बाद उन्होंने अपना बोरिया बिस्तर बीजेपी की तरफ कर दिया और बीजेपी के एक बड़े नेता का सहारा लेते हुए बीजेपी में भी अपना रसूख अन्य दोनों पार्टियों की तरह बना लिया और तो और रसूख इतना बड़ा कि बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष बन बैठे। यहां पर भी उन्होंने पूर्व की भांति अपने साम्राज्य को बढ़ाने के लिए वही तरकीब अपनाई। लेकिन इस बार छात्रवृत्ति नहीं आयुष कॉलेज में प्रवेश घोटाले को लेकर काफी हेरफेर किया। जिसके बाद डॉ विजय यादव को एसटीएफ ने वाराणसी एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस समय पूरे प्रदेश में आयुष कॉलेजों में प्रवेश के नाम पर करोड़ों के हेरफेर मामले की जांच एसटीएफ के हाथ में है और योगी सरकार इसपर काफी सख्त रुख अपनाए हुए है। साथ ही कई लोगों पर गाज भी गिर चुकी है और आने वाले समय में कईयों के ऊपर गाज गिरने वाली है। कॉलेज के प्रबंधकों के अलावा आयुष विभाग से जुड़े कई आला अधिकारी भी एसटीएफ की रडार पर है। इसके अलावा बता दे कि डॉ विजय यादव का रसूख इतना बढ़ गया कि अपनी पत्नी को गाजीपुर का जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिए, लेकिन गाजीपुर के एक बड़े नेता की वजह से इन्हें बीजेपी ने टिकट नहीं मिला। और पत्नी को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने का सपना सपना ने ही तोड़ दिया। मूल रूप से सादात ब्लाक के मजूई मरदापुर गांव निवासी आर्मी से सेवानिवृत्त स्वर्गीय केदारनाथ यादव के बड़े पुत्र डॉक्टर विजय यादव ने 2003- 2004 में कृष्ण सुदामा महाविद्यालय की स्थापना की। उसके बाद से पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज करोड़ों का साम्राज्य बना लिए। प्राप्त जानकारी के अनुसार विजय यादव को गिरफ्तार करने से पूर्व विजय यादव के साले को हिरासत में लेकर एसटीएफ ने पूछताछ किया था, जिसके बाद विजय यादव को गिरफ्तार किया गया। बता दें कि विजय यादव का साला कृष्ण कुमार जौनपुर में फार्मेसी कॉलेज चलाता है और विजय यादव के वाराणसी के कालेज का कामकाज भी देखता है। अब डॉक्टर विजय यादव को एसटीएफ आयुष प्रवेश घोटाले में गिरफ्तार कर चुकी है और लखनऊ के हजरतगंज थाने में मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है और उन्हें जेल भी भेज दिया गया है। इस प्रकरण में भाजपा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अब देखना यह है कि भारतीय जनता पार्टी अपने किसान मोर्चा विंग से इन्हें कब बाहर का रास्ता दिखाती है। ऐसी चर्चा है कि जल्द ही डॉक्टर विजय यादव के अरबों के साम्राज्य को गिराने के लिए सरकार विचार कर रही है। लेकिन बाबा का बुलडोजर कब चलेगा ये तो समय बताएगा।