वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक का गोमती पद यात्रा के बाद वाराणसी में प्रथम आगमन पर भव्य स्वागत

उदय प्रताप कॉलेज के प्राचीन छात्र एसोसिएशन सभागार में माँ गोमती की 31 दिन में 1001 किमी की पदयात्रा कर वाराणसी पहुंची हैं वॉटर वुमेन

जल संरक्षण के लिये सरकार का सहयोग करें युवा: वॉटर वुमेन

बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर वॉटर वुमेन ने किया जलाभिषेक

प्रखर वाराणसी। पीलीभीत जिले के गोमुख ताल से माँ गोमती के उद्गम स्थल से वाराणसी में कैथी स्थित विलय स्थल तक ऐतिहासिक पदयात्रा करने वाली वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक का वाराणसी में यात्रा के पश्चात प्रथम आगमन पर उदय प्रताप कॉलेज के प्राचीन छात्र एसोसिएशन सभागार में भव्य स्वागत किया गया। वॉटर वुमेन ने अपनी यात्रा के दौरान दर्जनों जिलों के गोमती नदी के दिव्य जल से आज कार्यक्रम से पहले काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक कर भारत की नदियों की स्वच्छता एवम किनारों को हरा-भरा करने की प्रार्थना की, इसके उपरांत उदय प्रताप कॉलेज पहुंचकर उन्होंने जल संवाद कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया।कार्यक्रम की मुख्य वक्ता वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक ने कहा कि गोमती नदी की 1001 किमी की पदयात्रा के दौरान उन्होंने देखा कि पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता होने पर वो उसके संरक्षण के प्रति गंभीर हो रहे हैं। उन्होंने कहा भारत कि ग्रामीण क्षेत्र की नदी किनारे के तट सरकार से बहुत अधिक अपेक्षा रखते है, उन्होंने जगह जगह समझाया सरकार एक दायरे तक जी कार्य कर सकती है जब तक हम सभी के ये समझ नहीं आयेगा कि जल को दूषित करने अपने घर को दूषित करना है तब तक कुछ नहीं हो सकता। वॉटर वुमेन ने अपने नदी किनारे के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि गोमती नदी के किनारे आज भी दिव्यता, धार्मिकता, आध्यात्मिकता एवं भव्यता को समेटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जहां जहां जंगल क्षेत्र है, वहां की सुंदरता देखने लायक है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जिला प्रचारक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सुरेश जी ने युवाओं को वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक के बारे में बताते हुए कहा कि इससे पहले ये नर्मदा नदी की 3600 किमी की पैदल यात्रा करने के अलावा कैलाश मानसरोवर और सरयू, शिप्रा जैसी नदी की यात्रा कर किनारों पर अपनी पंचतत्व संस्था के माध्यम से पौधे रोपित करा रहीं है। वॉटर वुमेन के एक करोड़ वृक्ष संकल्प के बारे में भी अवगत कराते हुए कहा की आने वाले समय में जल संकट पूरे विश्व का संकट बनने जा रहा है, ऐसे में शिप्रा पाठक जैसे चंद लोग है, जो हमें अभी से इससे आगाह करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नदी और वृक्ष हमारे पर्यावरण की रीढ़ हैं। कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. विंध्याचल सिंह ने सैकड़ों प्रकृति प्रेमियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि पर्यावरण के लिए जनजागृति का प्रसार करने वाली शिप्रा पाठक की तरह अन्य युवाओं को भी निकलना चाहिए।कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए आनंद जी ने कहा कि वॉटर वुमेन के साहस की जितनी प्रशंसा की जाये, उतनी कम है। कार्यक्रम का आयोजन उदय प्रताप कॉलेज प्राचीन छात्र एसोसिएशन द्वारा किया गया एसोसिएशन ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस दौरान कार्यक्रम में मुख्य रूप से अवनीश पाठक, रवि सिंह, ब्रजभूषण दुबे, सुशील चंद्र पांडे, आशीष पांडे, नीरज पांडे,अविनाश आनंद, आनंद प्रकाश, अरुण सिंह , राजीव पांडे, प्रतीक सिंह, अमन सेठ, संजय सिंह सहित सैंकड़ों की संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।