आय, मृत्यु, निवास व आधार के सत्यापन के लिए तहसील की भूमिका खत्म

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प्रखर लखनऊ। योगी सरकार ने राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के आवेदन और उनके साथ संलग्न होने वाले निवास, आय, मृत्यु और आधार के सत्यापन के लिए तहसील की भूमिका को खत्म कर दी है। इस योजना का लाभ पाने के लिए अब सिर्फ ऑनलाइन आवेदन ही स्वीकार किए जाएंगे। इस संबंध में शासनादेश भी जारी कर दिया गया। समाज कल्याण विभाग के अधिकारी ने बुधवार को बताया कि लेखपाल, एसडीएम व तहसीलदार की मिली भगत से पति के जीवित रहते हुए पत्नी को विधवा बनाकर पत्नी की मृत्यु पर पति या अन्य आश्रित के फर्जी दस्तावेज लगाकर इस योजना की राशि हड़पने के तमाम प्रकरणों का खुलासा हुआ ,जिसके बाद या निर्णय लिया गया। साथ ही तहसील स्तर पर सरकारी कामकाज के दबाव के चलते बड़ी तादाद में लंबे अरसे से आवेदनों के लंबित होने पर भी इसमें बदलाव की वजह माना जा रहा है। समाज कल्याण राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण की पहल पर 10 जून 2016, 27 जुलाई 2016 और 7 जून 2017 के शासनादेश को निरस्त करते हुए, पिछले दिनों इस बाबत नया शासनादेश जारी कर दिया गया। इसके तहत समाज कल्याण विभाग ने एक नया पोर्टल विकसित किया है, इस पोर्टल पर आवेदन और उसके साथ संलग्न होने वाले दस्तावेजों को अब आवेदक खुद ही प्रमाणित करेगा। उसके बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी सत्यापन रिपोर्ट मंगवाकर एक पखवारे में आवेदन स्वीकृति या अस्वीकृति
करेगा। योजना के तहत गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के कमाऊ मुखिया की मृत्यु होने पर परिवार के आश्रित को एक मुफ्त ₹30000 की आर्थिक मदद दी जाती है। राज्य के समाज कल्याण विभाग ने इस योजना के लिए एक नया पोर्टल शुरू किया है, अब इस पोर्टल पर ही आवेदन करने होंगे। इस नए पोर्टल के चालू होने से पहले आवेदन ऑनलाइन सहमति प्राप्त करते हुए, आधार प्रमाणीकरण कर संबंधी जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाए। शासनादेश के अनुसार आवेदक के आधार कार्ड स्वयं की फोटो आय प्रमाण पत्र मृतक की उम्र से संबंधित प्रमाण पत्र जैसे पारिवारिक कुटुंब रजिस्टर की प्रति या फिर शैक्षिक योग्यता से संबंधित प्रमाण पत्र जिसमें जन्मतिथि दर्ज हो को अपलोड किया जाएगा। आवेदक को आधार लिंक सीबीएस बैंक खाते में ही धनराशि भेजी जाएगी। इसलिए प्रत्येक आवेदन द्वारा अपने वर्तमान बैंक खाते में आधार लिंक कराया जाना अनिवार्य होगा।