19 साल से पुलिस विभाग में नौकरी कर रहा कमलेश निकला बड़ा हिस्ट्रीशीटर

0
158

गैंगस्टर और अपहरण सहित कई संगीन मामले हैं दर्ज

प्रखर देवरिया। पुलिसवाला हिस्ट्रीशीटर! कभी सुना है आपने? उत्तर प्रदेश के देवरिया में ऐसा हुआ है. देवरिया पुलिस से जुड़ा एक होमगार्ड हिस्ट्रीशीटर निकला है. इसपर गैंगस्टर और अपहरण सहित कई संगीन मामले दर्ज हैं. होमगार्ड का नाम है कमलेश यादव. कमलेश यादव 19 साल से यूपी पुलिस में नौकरी कर रहे हैं, लेकिन इनकी क्राइम कुंडली के बारे में किसी को कानों-कान खबर नहीं लगी. पर, अब ये मामला कैसे खुला? और आगे क्या होगा? आपको सब बताते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2004 में कमलेश यादव पुलिस महकमे से जुड़े थे. छह महीने पहले ही देवरिया पुलिस विभाग ने उन्हें डायल 112 पुलिस आपातकालीन हेल्पलाइन वाहन का चालक बना दिया. लेकिन ये खेल तब खुला, जब हाल ही में देवरिया के सभी पुलिस स्टेशनों में एक अभियान चला. ये अभियान था कि जिले के सभी हिस्ट्रीशीटरों का फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाए. इसके लिए पुलिसकर्मी इन हिस्ट्रीशीटरों के ठिकानों का पता लगाने लगे. और इसी में एक पता निकला होमगार्ड कमलेश यादव का. बस फिर क्या? पुलिस घर पहुंची तो कमलेश यादव का पूरा बैकग्राउंड सामने आ गया.
देवरिया के पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने पता लगते ही जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. अब पता लगाया जाएगा कि कैसे कमलेश यादव पुलिस अधिकारियों को गुमराह करने में कामयाब रहे और कैसे इतने लंबे समय तक पुलिस विभाग में काम करते रहे. एसपी संकल्प शर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मामला जैसे सामने आया, तुरंत होमगार्ड कमलेश यादव को ड्यूटी से हटा दिया गया. साथ ही कार्रवाई करने और मामले को देखने के लिए देवरिया होमगार्ड कमांडेंट को एक पत्र लिखा गया. SP के मुताबिक सलेमपुर के सर्किल अधिकारी को मामले की विस्तृत जांच करने और जल्द से जल्द एक रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया गया है.सलेमपुर के एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक जांच में ये भी पता लगाया जाएगा कि कमलेश के दस्तावेजों की कभी जांच क्यों नहीं की गई. यह भी पता लगाया जाएगा कि ज्वाइनिंग के दौरान उन्होंने विभाग को कौन से दस्तावेज और पता उपलब्ध कराया था. कमलेश यादव देवरिया के बरहज थाना क्षेत्र के करजहा गांव के रहने वाले हैं. कमलेश पर बरहज थाने में कई मुकदमे दर्ज हैं. सूत्रों ने बताया कि कमलेश 2004 से होमगार्ड के तौर पर काम कर रहे थे, लेकिन उनके खिलाफ मामले 2005 में दर्ज किए गए थे. कमलेश की हिस्ट्रीशीट 2006 में खोली गई थी. बरहज के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) जितेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस के पास उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार, कमलेश के खिलाफ पांच आपराधिक मामले दर्ज थे. इनमें एक 2005 में हत्या के प्रयास के आरोप में बरहज में दर्ज हुआ था और बाकी भलुवानी पुलिस स्टेशन में यूपी गैंगस्टर एक्ट और अपहरण सहित विभिन्न धाराओं में दर्ज किए गए थे. SHO जितेंद्र सिंह के मुताबिक दो मामलों में कमलेश यादव को कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई थी. लेकिन गैंगस्टर एक्ट वाला मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है. जितेंद्र सिंह का कहना है कि कोर्ट में कमलेश के खिलाफ जो भी मामले लंबित हैं, उनमें उन्हें जमानत मिली हुई है.