खुशखबरी! रोजमर्रा की वस्तुएं होगी सस्ती, चुनावी साल में मोदी सरकार दे सकती है तोहफा


किराना, साबुन और लॉन्ड्री उत्पादों की कीमतों में हो सकती है कटौती

प्रखर एजेंसी। लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार लोगों को चुनावी तोहफा दे सकती है। माना जा रहा है कि आने वाले कुछ महीनों में रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली चीजें सस्ती हो जाएंगी। पिछले 2-3 महीनों में स्टील, एलुमीनियम और पॉली प्रोपाइलीन जैसी कमोडिटी लागत में 3-4 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, लेकिन फिर भी इलेक्ट्रॉनिक कंपनियां रेफ्रिजरेटर और एयरकंडीशनर की कीमतों में इजाफा नहीं कर रही है। वहीं, मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियां 10 हजार रुपये से कम कीमत वाले 5जी स्मार्टफोन लॉन्च करने जा रहे हैं। बता दें कीमतों में गिरावट कंपनियों द्वारा किए बिक्री में सुधार के लिए किए गए प्रयासों का हिस्सा है। कंपनियों को उम्मीद है कि कीमतें कम होने से आम चुनावों के बाद बिक्री में इजाफा होगा। पारले-जी बिस्किट के सीनियर कैटेगरी हेड मयंक शाह ने कहा कि छोटे पैक के वजन में 12 से 15 प्रतिशत का इजाफा किया गया है जो पहले बड़े और मीडियम साइज के पैक के लिए थी। उन्होने बताया कि पैक आकार में इजाफा से उन्हें बढ़ते कंपीटिशन से मुकाबला करने में मदद मिलेगी। वहीं, गोदरेज अप्लायंसेज के बिजनेस हेड कमल नंदी ने बताया कि कीमतें बढ़ाने का यह गलत समय है क्योंकि मुख्य प्राथमिकता मांग में सुधार करना है। नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के मुताबिक, 5 रुपये के पैक में एफएमसीजी वॉल्यूम का 32 प्रतिशत, 10 रुपये का 22 प्रतिशत और 20 रुपये का 10 प्रतिशत शामिल है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि हिंदुस्तान यूनिलीवर ने हाल ही में साबुन और लॉन्ड्री उत्पादों की कीमतों में कटौती की है। गौरतलब है कि 2023 की अंतिम तिमाही में उपभोक्ता वस्तुओं की मूल्य की तुलना में मात्रा तेजी से बढ़ी है। अडाणी विल्मर, मैरिको, डाबर और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स जैसी कंपनियों ने हाल ही में कहा है कि अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में उनकी बिक्री में मात्रा के आधार पर तो वृद्धि हुई है, लेकिन मूल्य वृद्धि दबाव में आ गई है, क्योंकि कंपनियों ने कच्चे माल की कम लागत का लाभ देने के लिए 2023 की शुरुआत से कीमतों में कटौती की।