श्रीअन्न पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला जयश्री बाग पर सम्पन्न

मोटे आनाजों की खेती से किसानों की होगी मोटी आमदनी

प्रखर दानगंज वाराणसी। मोटे अनाज की खेती से किसानों की उत्पादन लागत घटेगी और आमदनी बढ़ेगी जिससे किसान आर्थिक रूप से भी सामर्थ्यवान हो सकेंगे।उक्त बातें काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डा.सुनील गोयल ने बुधवार को बबियांव गांव में श्रीअन्न पर आधारित दो दिवसीय मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यशाला के समापन अवसर किसानों के बीच कही। कृषि विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में किसानों को सम्बोधित करते हुए डा.गोयल ने कहा कि श्रीअन्न (मोटे अनाज) औषधीय गुणों की खान हैं और मोटे अनाजों के प्रयोग से किसानों की न सिर्फ मोटी आमदनी होगी बल्कि उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा भी हो सकेगी। कृषि विज्ञान केंद्र कल्लीपुर के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा.पीयूष राणा ने किसानों को मोटे अनाज की खेती की नवीनतम तकनीकों के साथ ही मोटे अनाज की उपयोगिता,मार्केटिंग,पैकेजिंग पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।उन्होंने मोटे अनाजों को औषधीय गुणों की खान बताते हुए कहा कि गेहूं व चावल की अपेक्षा मोटे अनाजों में कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन,फोलिक एसिड एवं फाइबर अधिक मात्रा में उपलब्ध होता है जो हमें विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भाजपा किसान मोर्चा के मंडल अध्यक्ष ललितेश सिंह ने किसानों से मोटे आनाजों की खेती को बढ़ावा देने की अपील की।जनपद के उप कृषि निदेशक अखिलेश कुमार सिंह के निर्देशानुसार मिलेट्स कार्यशाला में किसान प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम आयोजित किया गया जो किसानों के आकर्षण व जागरूकता का केंद्र रहा। इस दौरान उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी निरूपमा सिंह,नमामि गंगे योजना के प्रोजेक्ट हेड स्वामी शरण कुशवाहा, बीटीएम देवमणि त्रिपाठी, अनिल सिंह,प्रोजेक्ट मैनेजर प्रवीण नागर,सौरभ रघुवंशी,फौजदार यादव,फूलचंद विश्वकर्मा,मुकेश मौर्या,वृजेंद्र जंगा,कौशल कुमार, रवि सिंह, बृजेश सिंह, वीरेंद्र यादव सहित भारी संख्या में किसान उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन देवमणि त्रिपाठी ने किया।