पीएम का प्रस्तावक बन इतिहास रच गए ये चार लोग!

एक ब्राह्मण, 2 ओबीसी और एक दलित भी शामिल, मोदी ने खुद फाइनल किए 4 नाम

प्रखर वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी से तीसरी बार नामांकन करेंगे। पीएम के 4 प्रस्तावों के नाम फाइनल हो गए हैं। इसमें राम मंदिर मे प्राण-प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर शास्त्री भी हैं। इसके अलावा, बैजनाथ पटेल, लालचंद कुशवाहा और संजय सोनकर भी हैं। प्रस्तावकों में जातीय समीकरण को साधने की कोशिश की गई है। एक ब्राह्मण, 2 आईसीसी और एक दलित चेहरे को शामिल किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने खुद यह नाम फाइनल किए हैं। उन्होंने प्रस्तावकों से भी देर रात मुलाकात की है। 2 दिन पहले अमित शाह ने भी वाराणसी के एक होटल में इनसे बातचीत की थी। भाजपा ने प्रस्तावकों के लिए 20 नाम की लिस्ट पीएम मोदी की टीम के पास भेजी थी। जानकारी के अनुसार पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ मूल रूप से दक्षिण भारत के हैं। वह वाराणसी में ही रहते हैं। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन का मुहूर्त इन्होंने ही निकाला था। काशी में इनकी शास्त्रार्थशाला है, जिसकी शुरुआत उनके परदादा ने की थी। स्वतंत्रता सेनानी शहीद राजगुरु भी शास्त्रार्थशाला के शिष्य रह चुके हैं। संजय सोनकर, दलित वर्ग से आते हैं। वाराणसी भाजपा में जिला महामंत्री हैं। पीएम के करीबी और भरोसेमंद लोगों में हैं। 2022 में बीएलडब्ल्यू हेलिपैड पर पीएम से मुलाकात की थी। उस वक्त इनकी तस्वीर सामने आई थी। जमीनी कार्यकर्ता हैं।
प्रस्तावक बनने के बाद संजय सोनकर ने कहा-मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे यह मौका मिला। मैं पीएम मोदी का धन्यवाद करता हूं कि मुझ जैसे छोटे कार्यकर्ता को उन्होंने यह मौका दिया। बैजनाथ पटेल, ओबीसी वर्ग से आते हैं। हरसोस गांव के रहने वाले हैं। साल 1995 से लेकर 2000 तक गांव के प्रधान रहे हैं। साथ ही जनसंघ के वक्त से पार्टी से जुड़े हुए हैं। वाराणसी के पुराने भाजपा नेता हैं। पीएम के भरोसेमंद बताए जाते हैं। लंबे समय से बिना लाइम लाइट में आए पार्टी के लिए कार्य कर रहे हैं। चौथे और अंतिम प्रस्तावक लालचंद्र कुशवाहा भी ओबीसी वर्ग से आते हैं। वाराणसी कैंट विधानसभा के रहने वाले हैं। भाजपा के मंडल अध्यक्ष हैं। लंबे समय से पार्टी में सक्रिय हैं। कुशवाहा वर्ग में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। लालचंद्र राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहे हैं। लालचंद्र ने कहा कि मैं खुश हूं कि पार्टी ने मुझे मौका दिया। भाजपा 400 का टारगेट पूरा करेगी। ज्यादा से ज्यादा लोग वोट करें। हम 1980 से काम कर रहे हैं। पहले हमारे मोहल्ले में कांग्रेस और कम्युनिस्ट का झंडा दिखाई देता था, धीरे-धीरे संघर्ष का परिणाम है कि भाजपा हर जगह है।