प्रयागराज पीएम हाउस में लाशों का अंबार, बदबू से डॉक्टर बेहोश

प्रखर प्रयागराज। आसमान से अंगारों की बारिश के बीच मौतों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। एसआरएन अस्पताल के मोर्चरी में मंगलवार को शवों का अंबार लगा रहा। यहां लगे दो डीप फ्रीजर भर जाने के बाद हॉल में एक के ऊपर एक शवों को रखवाया गया। शाम करीब साढ़े सात बजे तक 36 शवों का पोस्टमार्टम हो सका। जबकि, करीब 50 शवों की बारी ही नहीं आ सकी। मंगलवार को तापमान में भले ही गिरावट हो गई, लेकिन जिले में मौतों की संख्या कम नहीं हुई। पोस्टमार्टम हाउस में कदर शवों के ढेर लगे कि परिजनों को अपनों के शवों को पहचाना मुश्किल हो गया। शवों की संख्या ज्यादा होने की वजह से यहां के दोनों डीप फ्रीजर भर गए। गर्मी की वजह से शवों से इतनी तेज बदबू आने लगी कि वहां पर लोगों का खड़ा होना मुश्किल हो गया। अंदर लगे एसी भी नहीं काम कर रहे हैं। इस वजह से कर्मियों और चिकित्सकों को पोस्टमार्टम करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार दोपहर गर्मी और बदबू की वजह से पोस्टमार्टम कर रहे एक चिकित्सक को चक्कर आ गया। इस दौरान वहां मौजूद अन्य डॉक्टर और फार्मासिस्टों ने उन्हें बाहर निकालकर दूसरे कमरे में पहुंचाया। थोड़ी देर बाद उन्हें आराम मिलने पर दोबारा पोस्टमार्टम शुरू कराया गया।करेली के 60 फीट रोड निवासी दिलशाद की सोमवार को फंदे पर लटकने की वजह से मौत हो गई हो गई थी। देर होने की वजह से पोस्टमार्टम नहीं हो सका। मंगलवार को पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे भाई वसीम को उसके शव को पहचानने के लिए बुलाया गया तो वह काफी देर तक परेशान होता रहा। वह अपने भाई के शव को खोज ही नहीं पा रहा था। कई बार अंदर जाकर उसने शव को पहचानने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। करीब तीन घंटे बाद वसीम ने अपने भाई के कपड़े से शव की पहचान की। इसके बाद उसका पोस्टमार्टम हाे सका। पोस्टमार्टम हाउस में जगह न होने की वजह से मंगलवार को अज्ञात शवों को रिजनों के बैठने के लिए बने भवन में रखवाना पड़ा। इसकी वजह से लोगों को बैठने के लिए भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। डॉक्टरों का कहना था कि इनमें से ज्यादातर शवों की मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्टअटैक बताया गया है।