वन महोत्सव के पहले दिन दबंग प्रधानपति ने कटवा दिया सैकड़ों पेड़


– जिम्मेदार अधिकारी मौन सरकार ने इस सप्ताह 35 करोड़ पेड़ लगाने का रखा है लक्ष्य

प्रखर सैदपुर गाजीपुर। योगी सरकार पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए वन महोत्सव पखवाड़ा चला रही है। जिले के आला अधिकारी को पर्यावरण संतुलन लाखों की संख्या लगवाना है। उसी कड़ी में वन महोत्सव योजना पखवाडा चल रहा है। बता दे कि सरकार वन महोत्सव योजना के तहत 5 जुलाई से 11जुलाई तक 35 करोड़ पेड़ पूरे प्रदेश में लगाने का लक्ष्य रखा है। लेकिन इसके उलट गाजीपुर जिले के सैदपुर ब्लॉक अंतर्गत आने वाले विक्रमपुर के दबंग प्रधान ने योगी सरकार को ठेंगा दिखाते हुए, वन महोत्सव योजना के पहले दिन ही सैकड़ों की संख्या में हरे पेड़ों को कटवा कर जमीदोह कर दिया। बड़ा सवाल यह है कि पेड़ों के कटने की जानकारी गाजीपुर के पूरे आलाधिकारियों को रही लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगा। दबी जबान में ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी किसी के दबाव में आकर पेड़ कटाई वाले स्थान पर नहीं पहुंचे। उक्त प्रकरण में ग्राम वासियों का कहना है कि हम लोगों ने काफी रोकने का प्रयास किया, लेकिन दबंग प्रधान किसी की नहीं सुना और बदतमीजी करते हुए लगातार पेड़ों को काटता रहा और सैकड़ों की संख्या में पेड़ काट दिए गए। उक्त मामले में हमने विक्रमपुर गांव निवासी भारतीय जनता पार्टी गाजीपुर जिले की महिला मोर्चा उपाध्यक्ष नीलम सिंह से बात की तो उन्होंने कहा पेड़ कटाई के मामले में मैंने गाजीपुर के जिलाधिकारी, वन अधिकारी सहित संबंधित सभी अधिकारियों को पत्र द्वारा सूचना दी, लेकिन कोई भी अधिकारी मौके पर देखने तक नहीं पहुंचा। इसके अलावा एक और स्थानीय निवासी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पेड़ कटाई के समय मैं मौजूद था, पेड़ कटने का मैंने वीडियो भी बनाया। जिसे संबंधित अधिकारियों को भेजा, लेकिन किसी कार्यवाही की बात तो दिगर है, कोई देखने तक भी नहीं आया। साथ ही मैंने पुलिस विभाग के 112 नंबर पर फोन किया तो 112 नंबर की पुलिस पेड़ कटाई वाले स्थान पर पहुंची, जिसे देखकर पेड़ कटना तो रुक गया। लेकिन कुछ देर बाद पुलिस जब वहां से चली गई तो पुनः पेड़ कटाई का कार्य शुरू हो गया। बड़ा सवाल यह है कि क्या इस दबंग प्रधान को सरकार व अधिकारियों का कोई डर नहीं है? जो अपनी मनमानी से हरे पेड़ों को कटवा दिया है। इस अवैध तरीके से काटे गए पेड़ों के मामले में संबंधित अधिकारियों का मौन होना सरकार के साख पर बट्टा लगा रहा है।