1997 से लगातार केजीएमयू में एमबीबीएस की कक्षा में फेल हो रहे थे छात्र, 4 का एडमिशन रद्द

1997, 1999, 2002 व 2006 बैच के 4 छात्र है शामिल

2006 के बाद के 33 अन्य छात्र भी हैं कतार में

प्रखर लखनऊ/ डेस्क। डॉक्टर बनना हर छात्र का छात्र जीवन में सपना रहता है कि वह डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा कर सके लेकिन आज हैम आपको एक ऐसे मामले के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको सुनकर आपको हंसी भी आएगी और अजीब लगेगा। मामला किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी का है, जहां पर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे 4 छात्रों का एडमिशन इसलिए रद्द कर दिया गया। क्योंकि वह पिछले 26 सालों से एमबीबीएस की कक्षा में फेल होते आ रहे हैं। बता दें कि केजीएमयू कार्य परिषद की मंजूरी के बाद सभी को कैंपस से बाहर कर दिया गया है। यह छात्र वर्ष 1997, 1999, 2001 और 2006 बैच के हैं। वही केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि इन्हें परीक्षा पास करने के लिए कई मौके दिए गए, लेकिन उन्होंने गंभीरता नहीं दिखाई। एक भी अवसर का फायदा नहीं उठाया हर परीक्षा में फेल होते गए। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने नियमों के तहत इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। एनएमसी ने व्यवस्था दी है की परीक्षा पास करने के 4 मौके ही दिए जाएंगे। इसके बाद भी यदि कोई परीक्षा पास कर नहीं पाता है, तो एडमिशन रद्द की कर दिया जाएगा। यह कार्रवाई इसके तहत की गई है। केजीएमयू में अभी तक एमबीबीएस परीक्षा पास करने के लिए कोई निर्धारित अवधि नहीं बनाई गई थी। इसके चलते कई छात्र 17 से 25 साल से कैंपस में पढ़ाई करते हुए लगातार परीक्षा दे रहे थे मगर आज तक वह एमबीबीएस की परीक्षा पास नहीं कर पाए। केजीएमयू की ओर से कई बार मर्सी अटेम्प्ट के तहत परीक्षा में मौका भी दिया गया। लेकिन यह फिर भी परीक्षा को पास नहीं कर पाए। अब 4 छात्रों का दाखिला निरस्त कर दिया गया है। इनमें सबसे पुराना छात्र 1997 का है। केजीएमयू की शख्ती से अब अन्य छात्रों का को सबक मिलेगा और अपनी पढ़ाई और करियर के प्रति गंभीर होंगे। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के नियमों के अनुसार लगातार 4 साल फेल होने वाले छात्रों का अब चिकित्सा संस्थानों से दाखिला रद्द होगा। केजीएमयू में दाखिला लेने वाले कई छात्र और छात्राएं हैं जो कई वर्षों से फेल हो रहे हैं। केजीएमयू ने समिति गठित की है, समिति ने छात्रों के लिए अलग से विशेष कक्षाएं संचालित करने की सिफारिश भी की है। इन छात्रों के लिए अलग से क्लास कराई गई, लेकिन फिर भी यह लोग नहीं पास हुए।