24 साल बाद वाराणसी के बीएचयू में फिर शुरू होगी किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा

प्रखर वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए चिकित्सा विज्ञान संस्थान से अनुमति मिल गई है। अब पूर्वांचल में पूर्वांचल के लोगों को वाराणसी में ही किडनी ट्रांसप्लांट करने की सुविधा उपलब्ध होगी। वाराणसी समेत पूर्वांचल ही नहीं, बल्कि बिहार और नेपाल तक के लोगों को किडनी और अन्‍य अंगों के ट्रांसप्‍लांट के लिए देश के बड़े शहरों में भागदौड़ और जेब ढीली नहीं करनी होगी। सेंटर में सभी जरूरी अत्‍याधुनिक उपकरण भी लग चुके हैं। पूर्वांचल का एम्‍स कहे जाने वाले बीएचयू हॉस्पिटल को पूर्वोत्तर भारत का मेडिकल हब बनाने का प्‍लान वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय का नेफ्रोलॉजी यूरोलॉजी विभाग संयुक्त रूप से इसका संचालन करेगा आशा जताई जा रही है कि नवंबर माह से किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा बीएचयू वाराणसी में शुरू हो जाएगी। अनुमान के मुताबिक बीएचयू में प्रतिवर्ष 100 से अधिक मरीज ऐसे आते हैं जिनको किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है। लेकिन सुविधा न होने के कारण उन्हें दिल्ली मुंबई अन्य बड़े शहरों में भेजना पड़ता था। किडनी ट्रांसप्लांट के लिए बीएचयू में अलग से सुपर स्पेशलिटी विंग में आईसीयू बनाया गया है जिसमें किडनी ट्रांसप्लांट होगी। किडनी ट्रांसप्लांट के लिए नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉक्टर शिवेंद्र सिंह व यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर समीर त्रिवेदी की संयुक्त रूप से टीम बनाई गई है। जो किडनी ट्रांसप्लांट की सारी प्रक्रिया पूरी करेगी। बता दे कि इसके पूर्व 1989 में ही काशी हिंदू विश्वविद्यालय में किडनी ट्रांसप्लांट करने की सुविधा शुरू हो गई थी। लेकिन 1999 के आसपास किडनी ट्रांसप्लांट करने वाले डॉक्टर दिल्ली चले गए और उसके बाद सारी मशीन खराब हो गई। फिर उसके बाद से कभी भी बीएचयू में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी। लेकिन 24 साल बाद किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा बीएचयू में शुरू होने से आसपास के लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी।