सीएम योगी के जिले की पुलिस ‘काला कौवा’ और ‘टमाटर’ पर इन दिनों रख रही कड़ी निगरानी

प्रखर गोरखपुर। मुख्यमंत्री के जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री के जिले गोरखपुर की पुलिस इन दोनों काला कौवा और टमाटर को ढूंढने में परेशान है। इन्हे ढूढने के लिए तरह-तरह की योजनाएं बनाकर ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है। चौकिए मत यह खाने वाला टमाटर और उड़ने वाला कला कौवा नहीं है यह गैंग का नाम है जिसमें अपना नाम टमाटर व काला कौवा रख रखा है। जो इन दोनो पुलिस का सिर दर्द बना हुआ है। जिले के 29 थाना क्षेत्र में ऐसे अपराधियों की संख्या डेढ़ सौ से ज्यादा है. जिसमें “काला कौवा” और “टमाटर” नाम के गिरोह भी हैं. पुलिस कार्रवाई करते हुए आए दिन किसी न किसी अपराधी की संपत्ति जब्त कर रही है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने बदमाशों की दो कटेगरी बनाई है। गोरखपुर पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी और उनपर कार्रवाई दो कैटेगरी में कर रही है. जिसमें चोरी, लूट, डकैती, हत्या से संबंधित जो अपराधी हैं उन्हें एक श्रेणी में रखा गया है. दुराचारी अपराधियों को पेशेवर अपराधी की श्रेणी में रखा गया है. इस बारे में जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने बताया कि अपराध और अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए बदमाशों को दुराचारी घोषित करते हुए उनकी हिस्ट्रीशीट खोली जा रही है. अब छोटे-मोटे अपराध करके भी कोई नहीं बच सकता. पिछले साल 2022 में पुलिस ने 90 बदमाशों को दुराचारी घोषित किया था. गोरखपुर पुलिस अपराधियों पर नियंत्रण के लिए चला रही। जबकि साल 2023 के अक्टूबर माह तक पुलिस ने 122 से ज्यादा अपराधियों पर गैंगस्टर और अन्य मामलों में कार्रवाई की है. इसमें बड़ा नाम तिवारीपुर थाना क्षेत्र का बदमाश ‘काला कौवा’और चिलुआताल थाना क्षेत्र का बदमाश ‘टमाटर’ भी शामिल है. तिवारीपुर पुलिस ने काला कौवा गिरोह के दीपक को दुराचारी घोषित किया है. पुलिस ने बताया कि दीपक पलक झपकते ही बाइक का लॉक तोड़कर उसे उड़ा देता है. लूट और अन्य घटनाओं को बड़े ही सलीके से अंजाम दे देता है. इसने अपने अपराध के तरीकों से गैंग बना रखा है. यह विभिन्न क्षेत्रों में एक-दूसरे से संपर्क कर घटनाओं को अंजाम देता हैं. वहीं, शातिर बदमाश अरसलान को भी दुराचारी घोषित किया गया है, जो टमाटर के नाम से प्रसिद्ध है. दुराचारी को ही हिस्ट्रीशीटर बोला जाता है. एक्टिव बदमाशों की निगरानी के लिए ही उन्हें दुराचारी घोषित किया जाता है. जिसके लिए एक-एक बीट सिपाही की ड्यूटी लगाई जाती है. नियमों के मुताबिक दुराचारी को सप्ताह में एक बार थाने या पुलिस चौकी पर जाकर हाजिरी भी देनी होती है. जिस अपराधी के अपराध से एसपी संतुष्ट होते हैं उसकी ही हिस्ट्रीशीट खोलने की अनुमति दी जाती है. यहां तक की 18 से 21 साल के अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोलने से पहले सीबीसीआईडी से 15 दिनों में रिपोर्ट भी ली जानी अनिवार्य होती है.क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे दुराचारी: जिले के चौरी-चौरा थाना क्षेत्र में सबसे अधिक दुराचारियों की संख्या है, जो 102 से ऊपर है. इनमें कुछ की हिस्ट्रीशीट खोली गई है. इसी प्रकार सदर कोतवाली में 46, राजघाट थाना क्षेत्र में 49, कम्पियरगंज में 53, गोरखनाथ में 62, झगहा में 82, पिपराइच में 81, बड़हलगंज में 88, खजनी में 75, चिलुआतल में 63 और खोराबार में 58 दुराचारी हैं. जिनपर पुलिस की कड़ी नजर रहती है. इसके अलावा अभी जिले के अन्य थाना क्षेत्र में दुराचारियों की संख्या बढ़ रही है. जिनपर पुलिस अपने कार्रवाई से दबाव बनाने में सफल हो रही है. वहीं, कुछ दुराचारी जेल में भी बंद हैं और गैंगस्टर के बड़े अपराधी भी जेल की सजा काट रहे हैं.