प्रखर डेस्क/एजेन्सी। दक्षिण भारत में शानदार प्रदर्शन करते हुए उसने तेलंगाना फतह कर लिया, लेकिन राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसा मजबूत किला गंवा दिया। चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में राजस्थान, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में वही हुआ, जिसका अंदाजा तमाम मीडिया लगा रहा था। मध्य प्रदेश में जनता ने शिव को फिर से ‘राज’ करने जनादेश दे दिया। तो राजस्थान में जनता जर्नादन ने अपनी परंपरा को जारी रखते हुए सत्तापक्ष को 5 साल के बाद विपक्ष में बैठा दिया। बात करते हैं तेलंगाना की, जहां तो कमाल ही हो गया। राज्य बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री रहे के. चंद्रशेखर राव से सत्ता की चाबी छीन ली गई और सौंपी गई कांग्रेस के हाथों में। उम्मीद की जा रही थी कि विधानसभा चुनावों में स्कोर 2-2 से बराबर रहेगा। लेकिन छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने तमाम अनुमानों को झूठा साबित करते हुए मैच ही पलटकर रख दिया। शुरुआत अंडरडॉग के तौर पर की, लेकिन दोपहर होते-होते जीत का परचम लहरा दिया। मध्य प्रदेश और राजस्थान को लेकर तो पहले ही कयास थे कि यहां इस बार भगवा लहराएगा।
मध्य प्रदेश में शिव का ‘राज’
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने फिर से शानदार प्रदर्शन करते हुए 230 में से 165 सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया है। बड़ी बात रही कि 2018 में बीजेपी को जो मंत्री हारे थे, उनमें से अधिकतर ने फिर से जीत दर्ज कर ली। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज फिर से सीएम बनने का दावा पेश कर दिया। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी पीछे चल रहे हैं। साल 2018 में हालांकि बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर रही थी। बीजेपी ने 109 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत दर्ज की थी। एग्जिट पोल पहले ही बता रहे थे कि राजस्थान में मुकाबला कड़ा रहेगा, लेकिन दोपहर होते-होते सब कुछ एकतरफा हो गया। खबर लिखे जाने तक राजस्थान में 61 सीटों पर जीत दर्ज कर ली और 54 सीटों पर बढ़त बना ली थी। मतलब कुल 115 सीटों पर पार्टी की बढ़त है। कांग्रेस महज 69 सीटों पर ही सिमटती दिख रही है। इनमें से 35 उसने जीत ली और 34 पर आगे चल रही थी। करीब 15 सीटों पर निर्दलीय और छोटे दलों ने भी बढ़त बना रखी है। बीजेपी के प्रमुख चेहरे वसुंधरा राजे, महंत बालक नाथ, दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, किरोड़ीलाल मीणा ने अपनी-अपनी सीट पर दर्ज कर ली। कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट भी आगे चल रहे हैं। दिव्या मदेरणा, पीसी जोशी और सतीश पूनिया को हालांकि हार मिली हैछत्तीसगढ़ में बड़ा खेला हो गया। तमाम एग्जिट पोल कांग्रेस को जीत दिला रहे थे। शुरुआती एक घंटे की गिनती के बाद अनुमान सच होते दिख रहे हैं। बीजेपी ने 56 सीटों पर बढ़त बना ली है, जिनमें से 4 पर उसे जीत मिल गई है जबकि 52 सीटों पर आगे चल रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी जीत के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को हार का सामना करना पड़ा है। सीएम पद के दावेदार रमन सिंह राजनांदगांव से जीत दर्ज कर ली है।
तेलंगाना में कांग्रेस का कमाल
पहली बार तेलंगाना में कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। के. रेवंत रेड्डी के नेतृत्व ने केसीआर की सरकार को करारी हार का स्वाद चखा दिया। कांग्रेस ने 119 में से 63 सीटों पर बढ़त बना ली है, जिनमें से 20 सीट जीत ली हैं और 43 पर वह आगे है। सत्तारूढ़ दल बीआरएस महज 40 सीटों पर ही आगे है, जो पिछली बार की तुलना में 43 सीटें कम हैं। बीजेपी यहां दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाई। वह महज 8 सीटों पर ही बढ़त बना पाई। ओवैसी की ओवैसी को पार्टी भी कांग्रेस के आगे नहीं टिक पाई। उसके खाते में सिर्फ 7 सीट आई हैं।