भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व विश्व वैदिक सनातन न्यास द्वारा धर्म दर्शन एवं धर्म का विज्ञान पर संगोष्ठि का आयोजन

प्रखर वाराणसी। अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व सनातन धर्म की रक्षा करने वाले विश्व वैदिक सनातन न्यास द्वारा धर्म, धर्म दर्शन एवं धर्म का विज्ञान विषय पर सुबह बनारस मंच असि वाराणसी पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। 11 सनातनी बटुकों द्वारा स्वतिवाचनों के द्वारा मंगलाचरण के उपरांत दीप प्रज्वलित कर विधिवत संगोष्ठी का प्रारंभ हुआ। न्यास के संरक्षक सिद्धनाथ सिंह द्वारा अतिथियों को अंग वस्त्र एवं माल्यार्पण के साथ स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया। काशी के धर्माचार्य अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव सचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि आज देश के लोग धर्म के स्वरूप और धर्म के विज्ञान से अपरिचित हैं। उन्हें गहन चिंतन मनन की आवश्यकता है। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के प्रमुख विनय पांडे ने धर्म की सुंदर व्याख्या करते हुए कहा कि धर्म मनुष्यता का प्राण धर्म ही है। हमें जीवन जीने की सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है धर्म। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी काशी विद्वत परिषद के राष्ट्रीय महासचिव ने अपने उद्बोधन में कहा कि सनातन धर्म राष्ट्र को जोड़ने और मानव मात्र के लिए सत्कर्मों की आधारशिला है। इस अवसर पर समाज के सनातन के लिए प्रणप्राण से संलग्न सनातनियों में रामलीला समिति, दुर्गा पूजा समिति, सनातन कथा वाचक, प्रमुख मंदिरों के महंत एवं समाजसेवियों को यथोचित मान सम्मान अर्पित किया गया। विश्व वैदिक सनातन न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया । इस संगोष्ठी में प्रमुख रूप से अजीत सिंह, राजेश्वर शुक्ला, प्रिंस केसरी, विकास शाह, राजेश चौरसिया, कृष्ण कुमार सबरवाल, मन बहादुर सिंह, धर्मेंद्र त्रिपाठी, अखिलेश रावत, अनिल मिश्रा, विभु पांडे, अनीशा सिंह, मंजू व्यास, नीति मल्होत्रा, निशा श्रीवास्तव, अमर दुबे व राज किशोर सहित इत्यादि लोग उपस्थित रहे।