अब एंटीबायोटिक भी बिना डॉक्टर के पर्चे के मेडिकल से नहीं मिलेगी!

बीते वर्ष एंटीबायोटिक से पूरी दुनिया में करीब 12 लाख लोग जान गवा चुके हैं

एंटी माइक्रोबियल से बॉडी में ड्रग रेजिस्टेंस बढ़ रहा

प्रखर एजेंसी। देश भर में एंटीबायोटिक्स दवाओं को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। यह एडवाइजरी केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने जारी की है। जारी नए निर्देशों के अनुसार एंटीबायोटिक्स से होने वाले नुकसान को देखते हुए इनकी खुलेआम बिक्री पर लगाम लगाने की सख्त जरूरत है। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने देश भर के सभी फार्मासिस्ट एसोसिएशंस से अपील कि हैं कि क्वालिफाइड डॉक्टर की पर्ची के आधार पर एंटीबायोटिक्स दें। ऐसे किसी व्यक्ति को इन दावाओं को देने से परहेज किया जाए जिसके पास पर्याप्त डॉक्टरी परामर्श या लिखित पर्चा न हो। जानकारी के अनुसार गुरुवार को DGHS ने देश के सभी फार्मासिस्ट एसोसिएशन, मेडिकल एसोसिएशन और सभी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को के लिए यह एडवाइजरी जारी की है। इसके अलावा महानिदेशालय ने डॉक्टरों को भी स्पष्ट सलाह दी कि वह एंटी माइक्रोबियल दवा प्रिस्क्राइब करने की वजह साफ तौर पर प्रिस्क्रिप्शन पर लिखें। जिससे भविष्य में जरूरत पड़ने पर मरीज का इलाज करने में आसानी हो और उसे सही इलाज मिल सके। जानकारी के अनुसार महानिदेशालय को ऐसे निर्देश इसलिए जारी करने पड़े क्योंकि एंटी माइक्रोबियल के ज़्यादा इस्तेमाल से लोगों की बॉडी में ड्रग रेजिस्टेंस बढ़ रहा है। जिससे मरीज को सही होने में अधिक समय लग रहा है। लोगों का इलाज करने में देरी हो रही है, जो कई मामलों में जानलेवा साबित भी होता है। DGHS के अनुसार एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस यानी AMR आज के दौर में वैश्विक चिंता का विषय है। आंकड़ों पर गौर करें तो AMR की वजह से साल 2019 में दुनिया भर में 12.70 लाख लोगों की मौत हुई है, जो खतरे की घंटी है। ऐसे में इस पर लगाम कसने की जरूरत है। वहीं, आंकड़ें यह भी दर्शाते हैं कि साल 2019 में कुल करीब 49 लाख लोगों ने दुनिया भर में ड्रग रेसिस्टेंट इन्फेक्शन की वजह से अपनी जान गंवा दी।