वाराणसी में ठंड ने तोड़ा 9 वर्षों का रिकॉर्ड, 72 घण्टे का रेड अलर्ट


प्रखर वाराणसी। वाराणसी समेत पूर्वांचल के आसपास के जिलों में ठंड कहर ढा रही है। यहां मौसम के एक साथ कई सिस्टम एक्टिव हैं। कभी धूप, कभी गलन, तो कभी कोहरे ने लोगों की बेचैनी बढ़ा दी है। लोग घरों से निकलने में कतरा रहे हैं। दुकानों के बाहर लोगों ने अलाव वगैरह का सहारा लिया है। घरों में लोग रूम हीटर जलाने को मजबूर नजर आ रहे हैं। शीतलहर के कारण बच्चों के स्कूल फिलहाल बंद चल रहे हैं। वहीं कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खुले हुए हैं। जिससे बच्चे ठंड से जूझते हुए स्कूल जा रहे हैं। हालांकि इस दौरान स्कूलों में उपस्थित बहुत कम हो रही है। वाराणसी में दिन में क्षणिक रूप से खिली धूप गलन बढ़ाने में पूरी तरह से कारगर नजर आ रही है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में ठंड बढ़ा दिया है। वहीं पछुआ हवाओं ने भी ठंड बढ़ाने में भरपूर सहयोग दिया है। मौसम विभाग के आंकड़ों की मानें तो इस बार जनपद में 9 वर्षों का रिकॉर्ड टूटा है। वाराणसी में बुधवार की सुबह शहरी क्षेत्र का तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रहा। IMD ने वाराणसी में अगले 72 घण्टे घने कोहरे और गलन का रेड अलर्ट जारी किया है। दूसरी ओर ठंड बढ़ने से अस्पतालों की ओपीडी में भी सर्दी जुकाम जैसी समस्याओं के मरीजों की लाइन लगी हुई है। बीएचयू परिसर स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल, मंडलीय अस्पताल और दीनदयाल अस्पताल में इन बीमारियों के मरीज बढ़े हैं। इन मरीजों में अधिकतर बच्चे हैं। इधर ठंड और कोहरे के कारण हाईवे पर दुर्घटनाएं बढ़ी हैं। कोहरे के कारण हाईवे पर विज़िबिलिटी कम हो रही है, जिससे लोग दुर्घटना ग्रस्त हो जा रहे हैं। वाराणसी एयरपोर्ट पर भी विज़िबिलिटी कम होने से कई फ्लाइट लेट हो रही हैं। साथ ही ट्रेनों के लेट होने का सिलसिला भी जारी है। वरिष्ठ बाल रोग चिकित्सक व नीमा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ० ओ० पी० सिंह के मुताबिक, इस मौसम में बच्चों को लेकर अलर्ट रहने की आवश्यकता है। मौसम के प्रति जरा सी लापरवाही बच्चों का स्वास्थ्य बिगाड़ सकती है। बच्चों को अधिक से अधिक गर्म कपड़े पहनाएं। गर्म पानी का सेवन करें। किसी भी प्रकार की शिकायत होने पर नजदीकी चिकित्सक की सलाह लें।