आखिरकार तमाम अटकलो के बीच राज्यसभा में जयंत ने बदला पाला

0
371

राज्यसभा में विपक्ष छोड़ सरकार के खेमे में बैठे नजर आए जयंत, पीएम मोदी को जमकर सराहा

प्रखर नई दिल्ली। भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल होने की अटकलों के बीच राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख जयंत चौधरी के सुर बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। संसद के बजट सत्र के दौरान शनिवार को तो वे सरकार के खेमे में बैठे नजर आए। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के एलान पर सरकार को धन्यवाद देते हुए उन्होंने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। जयंत चौधरी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला बहुत बड़ा फैसला है। कल इस घोषणा के बाद लोगों ने दिवाली मनाई। कल किसानों ने सीपी में मिठाइयां बांटी। इससे यही पता चलता है कि यह फैसला सिर्फ उनके परिवार तक ही सीमित नहीं था, बल्कि किसानों को मजबूत करने वाला फैसला है।
जयंत सिंह ने कहा कि वह कांग्रेस द्वारा सदन में चरण सिंह के प्रति किए गए ‘अपमान’ से स्तब्ध हैं। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि चरण सिंह जैसी शख्सियत के सम्मान को राजनीतिक चश्मे से देखा जा रहा है और इसे राजनीतिक गठबंधन बनाने और चुनाव जीतने या हारने से जोड़ा जा रहा है। मैं अचंभित हूं कि कैसे लोग चौधरी चरण सिंह जैसी हस्ती को किसी गठजोड़ के बनने या बिगड़ने और चुनाव लड़ने और जीतने तक सीमित रखना चाहते हैं। लेफ्ट, राइट और सेंटर में ही बंटे रहेंगे तो देश असली धरती पुत्र का सम्मान हम कैसे रख पाएंगे। उन्होंने कहा कि 10 साल मैं विपक्ष में रहा हूं। कुछ ही देर के लिए मैं इस तरफ बैठा हूं, लेकिन मैंने देखा है कि 10 साल में जो आज सरकार है इनकी कार्यशैली में भी चौधरी चरण सिंह के विचारों की झलक है। जब प्रधानमंत्री ग्रामीण क्षेत्रों में शौच की व्यवस्थाओं पर प्रकाश डालते हैं, जब महिला सशक्तिकरण को सरकार अपना प्लेटफॉर्म बनाती है और गांव में जागृति पैदा करती है तो मुझे उसमें चौधरी चरण सिंह की बोली याद आती है। जयंत ने कहा, ‘राजनीति विशेषज्ञ कहते हैं कि हम लोग नेताओं को समझ नहीं पाएंगे, अगर हम इसी तरह से बंटे रहेंगे। कुछ लोग कहते हैं कि चौधरी चरण सिंह सिर्फ जाटों के नेता थे। सिर्फ किसानों के लिए काम करते थे। ऐसा नहीं है। वह विचारक थे। लोगों अपने सभी भ्रम दूर करने चाहिए।’ उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह सभी के हैं। वे किसी एक पार्टी के नहीं हैं। सभी दल इस पल हिस्सा बनें। मैं ऋणि हूं। मैं कहना चाहता हूं कि जमीन से जुड़ी सरकार, ऐसी सरकार जो जमीन की आवाज को समझती है, उसे बुलंद करना चाहती है ऐसी सरकार ही चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दे सकती है।