महाराणा प्रताप हिन्दू धर्म एवं संस्कृति के रक्षक और स्वतंत्रता प्रेमी के रूप में है विश्वविख्यात- कृपाशंकर सिंह


प्रखर जौनपुर। राजपूत सेवा समिति जौनपुर द्वारा नगर के कालीचाबाद में स्थापित महाराणा प्रताप प्रतिमा पार्क में महाराणा प्रताप की जयन्ती समारोह पूर्वक मनाई गई। इस मौके पर एक विचार गोष्ठी आयोजित कि गई। जयंती कार्यक्रम में उपस्थितजनों ने महाराणा प्रताप के प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर महाराणा प्रताप के गौरवशाली इतिहास को याद किया। जयंती समारोह में बोलते हुए महाराष्ट्र सरकार के पूर्व गृहराज्य मंत्री और भाजपा प्रत्याशी जौनपुर कृपाशंकर सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप हिन्दू धर्म एवं संस्कृति के रक्षक और स्वतंत्रता प्रेमी के रूप में विश्वविख्यात है। कई देशों के लोगो महाराणा प्रताप से प्रेरणा लेकर स्वतंत्रता आन्दोलन चलाये है। आगे उन्होंने महाराणा प्रताप के ऐतिहासिक प्रसंगों की व्याख्या करते हुये वीरोत्तेजक कविताएं सुनाई। उन्होंने महाराणा प्रताप के उज्जवल इतिहास को सामने लाने की आवश्यकता जताते हुये महाराणा प्रताप के जीवनवृत्त व उनके समाज और राष्ट्र को दिये योगदान को याद किया। उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार गिरीश चंद्र यादव ने कहा कि महाराणा प्रताप नाम है वीरता और वचन की एक अद्भूत मिसाल का। महाराणा प्रताप का चरित्र दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने अपने जीवन में कठिन संघर्ष करके भारतवासियों को मुगलों के जुल्मों से मुक्ति दिलवाने का काम किया। ऐसे महापुरूषों के त्याग और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि ऐसे महापुरूषों के जीवन व शिक्षाओं पर चलते हुए हमें देश की मजबूती के लिए काम करना होगा। उन्होंने कहा कि सभी लोग विदेशी वस्तुओं को छोड़कर स्वदेशी अपनाएं तथा राष्ट्र के स्वाभिमान के लिए जी जान से काम करें। महाराणा प्रताप ने जो कुर्बानी दी उसकी इतिहास में कहीं मिसाल नही मिलती। अब समय आ गया है कि देश में ऐसे संस्कार का वातावरण तैयार किया जाए, जिससे युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिले। राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी ने कहा कि मातृभूमि की रक्षा के लिए आन, बान व शान कायम रखते हुए महाराणा प्रताप ने मुगलों की दासता स्वीकार करने की बजाए वनों में रहना ज्यादा श्रेयस्कर समझा तथा वतन की रक्षा के लिए जीवन के अंतिम सांस तक संघर्षरत रहे। वरिष्ठ भाजपा नेता व समाजसेवी ज्ञान प्रकाश सिंह ने कहा कि महान राजपूत नरेश महाराणा प्रताप अपने पराक्रम और शौर्य के लिए समूची दुनिया में मिशाल के तौर पर जाने जाते हैं। एक ऐसा राजपूत सम्राट जिसने जंगलों में रहना पसंद किया, लेकिन कभी भी मुगलों की दासता स्वीकार नहीं की। भाजपा प्रवक्ता और राजपूत सेवा समिति के वरिष्ठ सदस्य ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप कि जीवनी से हमे सीख लेकर जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में कठिन संघर्ष करके देश वासियों को मुगलों के जुल्मों से मुक्ति दिलवाने का काम किया। ऐसे महापुरूषों के त्याग और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। यदि महाराणा प्रताप न होते तो हिंदुस्तान भी न होता। उन्होने कभी भी मुगलों के सामने घुटने नही टेके, बल्कि अकबर की सेना उनके सामने युद्ध करने से घबराती थी। उन्होंने उनके बताए मार्गदर्शन पर चलने तथा देश व समाज के सर्वांगीण विकास के लिए एकजुटता के साथ कार्य करने का कार्यकर्ताओं को संकल्प दिलाया। इस मौके पर राजपूत सेवा समिति के सदस्य ओमप्रकाश सिंह,रत्नाकर सिंह, शशि मोहन सिंह क्षेम ,रविन्द्र प्रताप सिंह,प्रदीप सिंह सफायर,अजीत सिंह, कुंवर वीरेंद्र प्रताप सिंह ,शशी प्रकाश सिंह,सर्वेश सिंह पूर्व जिला सी पंचायत सदस्य, राहुल सिंह राजपूत,सिद्धार्थ सिंह,सिर्द्वात सिंह,डा संजय सिंह, डा एन के सिंह,विरेन्द्र सिंह, राजकुमार सिंह,सौरभ सिंह,विवेक सिंह राजा,विनय सिंह समेत आदि लोग रहे।