प्रखर लखनऊ/प्रयागराज। बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में वांटेड शॉर्प शूटर अब्दुल कवि ने बुधवार को लखनऊ की सीबीआई अदालत में सरेंडर कर दिया। वह 18 साल से फरार चल रहा था। उस पर पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित किया था। पुलिस के पास उसकी कोई फोटो तक नहीं थी। 14 मार्च को उसकी दो फोटो पुलिस ने जारी की थी। शूटर अब्दुल कवि गुजरात के साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद का बेहद खास है। आरोप है कि अब्दुल ने अतीक के कहने पर 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल को भरे बाजार गोलियों से भून दिया था। वह राजू पाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी भी है। बीते तीन मार्च को पुलिस ने कौशांबी में सरायं अकिल कोतवाली के भाखान्दा उपरहार गांव स्थित अब्दुल कवि के घर पर छापा मारा था। उसके घर से पुलिस ने भारी मात्रा में असलहे बरामद किए थे। जिसके आरोप में उसके भाई कादिर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। कादिर के मोबाइल में अतीक के बेटे अली के साथ फोटो मिली थी। इसके बाद जगह-जगह शूटर कवि के फोटो चस्पा किए गए थे।28 मार्च को प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने माफिया अतीक अहमद को इस केस में मुख्य साजिशकर्ता बताया है। दरअसल, उमेश पाल ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को सजा दिलाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी। उमेश पाल अपहरण केस की सुनवाई के बाद ही घर लौट रहे थे। तभी उन पर जानेलवा हमला हुआ था। उनके घर के पास ही दिनदहाड़े हुए इस मर्डर में भी अतीक अहमद का परिवार नामजद है। अपहरण करने वालों पर ही हत्या का भी आरोप लगाया गया है। यदि ऐसे में दोष सिद्ध होता है तो धारा 364A में 10 साल कैद की सजा से फांसी की सजा का प्रावधान है। इस केस में जीवित रहते हुए उमेश पाल ने अपनी गवाही पूरी कर ली थी।