काशी विद्यापीठ ललित कला विभाग के विभागध्यक्ष डॉ सुनील द्वारा बनाये गए श्रीराम के स्केच को मूर्त रूप दिया अरुण योगीराज ने!


प्रखर वाराणसी। महर्षि बाल्मीकि की तपोस्थली मऊ की पहचान पूरे देश में है. कहते हैं उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में त्रेता युग में तमसा नदी के किनारे महर्षि बाल्मीकि ने रामायण ग्रंथ की रचना की थी, जिसके माध्यम से मर्यादा पुरषोत्तम प्रभु श्रीराम का गुणगान किया था. आज एक बार फिर महर्षि बाल्मीकि की तपोस्थली से आने वाले डॉ सुनील विश्वकर्मा ने अयोध्या में स्थापित भगवान राम की मूर्ति का स्केच बनाया, जिसके आधार पर कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगिराज ने भगवान राम की मूर्ति को बनाया. कहते हैं कि भगवान राम और मऊ का संबंध त्रेता युग से है. जिले में बहने वाली तमसा नदी के किनारे ही महर्षि बाल्मीकि ने रामायण की रचना की थी, जिसका उल्लेख तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस की अयोध्या काण्ड की चौपाई ‘बालक वृद्ध विहाई गृह लगे सब साथ, तमसा तीर निवासु किय प्रथम दिवस रघुनाथ’ से होता है. आज उसी मऊ की चर्चा एक बार फिर है. जिले के कोपागंज ब्लॉक के भरत मिलाप चौक के रहने वाले सीता राम विश्वकर्मा और लालता देवी के दो पुत्र और तीन बेटियों में सबसे छोटे सुनील विश्वकर्मा की चर्चा हो रही है. सुनील विश्वकर्मा ने अयोध्या में स्थापित प्रभु श्रीराम रामलला के विग्रह का निर्माण का स्केच बना कर महर्षि बाल्मीकि की तपोस्थली का नाम रोशन किया है. मऊ निवासी सुनील विश्वकर्मा काशी विद्यापीठ में ललित कला विभाग के अध्यक्ष के पद पर कार्यरत है. इनके द्वारा बनाये गए चित्र के आधार पर रामलला की मूर्ति के विग्रह बनाया गया. इस समाचार से जिले व नगर के लोग गौरवान्वित हैं. लोग उनके परिजनों को व डॉ सुनील को बधाई दे रहे है. बता दें कि नगर पंचायत कोपागंज मुहल्ला हुंसापुरा निवासी सुनील विश्वकर्मा की प्रारम्भिक शिक्षा कोपागंज में हुई. बापू इण्टर कालेज कोपागंज से इन्होंने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की. इसके बाद उन्होंने बीएफए की शिक्षा के लिए बीएचयू वाराणसी गए. वहां से बीएफए व एमएफए में गोल्ड मेडलिस्ट हुए. एमफिल आगरा से किया. एडवांस्ड स्टडी इन पेंटिंग चाइना से किया. यूजीसी नेट 2006 में क्वालीफाई किया. इसके बाद महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में ललित कला विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रहे. वर्तमान में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी के ललित कला विभाग में अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं.