किसान पति ने पढ़ा लिखा कर बनाया आशा पत्नी हो गई प्रधान के साथ सेट

प्रखर एजेन्सी। “एसडीएम ज्योति मौर्या जैसा मामला अब उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में भी देखने को मिला है. जहां किसान पति ने अपनी पत्नी को शादी के बाद पढ़ाया लिखाया और जब वह आशा कार्यकर्त्ता बन गई, तो वह अपने पति को छोड़कर गांव के प्रधान के साथ रहने लगी. पति के विरोध करने पर उसे जान माल की धमकी मिलने लगी. पीड़ित पति ने पुलिस से शिकायत कर न्याय की मांग की है.राठ कोतवाली क्षेत्र के बहगांव गांव निवासी किसान कालीचरण ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दी है. कालीचरण ने बताया कि साल 2008 में उसकी शादी गांव की ही नर्मदा सिंह के साथ हुई थी. शादी के बाद दोनों की 2009 में पहली बेटी और 2016 में दूसरी बेटी का जन्म हुआ. कालीचरण ने बताया कि वह किसान है. उसने अपनी पत्नी नर्मदा को इंटर और ग्रेजुएशन कराया. जिसके बाद 2018 में उसकी पत्नी नर्मदा की आशा कार्यकर्त्ता के तौर पर नियुक्ति हो गई.जैसे ही नर्मदा ने आशा कार्यकर्ता के तौर पर काम करना शुरू किया तभी से पति कालीचरण की आंख में धूल झोंककर सरीला तहसील क्षेत्र के करही गांव के प्रधान शैलेन्द्र सिंह उर्फ शीलू के साथ नाजायज संबंध बनाने लगी. जब पति ने इस सब को विरोध किया तो नर्मदा उसे जानमाल की धमकी देने लगी और बिना तलाक लिए ही ग्राम प्रधान शैलेन्द्र के साथ अवैध तरीके से रहने लगी.इस कालीचरण ने अधिकारियों से शिकायत की तो दबंग ग्राम प्रधान और नर्वदा उसे जान से मारने और फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगी. वहीं, इस मामले में राठ कोतवाली पुलिस ने बताया कि पीड़ित की शिकायत मिली है, जिसकी जांच की जा रही है. जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.”