बुल्डोजर बाबा के रडार पर शिक्षा माफिया 427 फार्मेसी कालेज ब्लैक लिस्ट

– लिस्ट में सबसे ज्यादा आजमगढ़ के 77 गाजीपुर के 45 फ़ार्मेसी कालेज

प्रखर डेस्क। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार लगभग दो दशक बाद योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व में 2017 में सत्ता में वापसी करती है । वापसी के साथ ही सरकार की प्राथमिकताओं में शिक्षा, स्वास्थ्य और अपराध मुक्त समाज के लिए काम करने की अवधारणा दिखाई देती है। अपने पहले कार्यकाल में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य और अपराध पर नियंत्रण करने का भरपूर प्रयास किया और सरकार की वापसी इस बात का प्रमाण है कि जनता ने सरकार पर दोबारा भरोसा कर के सरकार की जिम्मेदारियों को बड़ा कर दिया है। बावजूद इसके प्रदेश के शिक्षा माफिया अपनी शैली में बदलाव के मनमानी पर आमादा थे। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सरकार ने एक बार फिर इन शिक्षा माफियाओं के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रदेश के 427 फार्मेसी कॉलेजों के खिलाफ ब्लैक लिस्ट जारी किया है। और छात्रों को इन विद्यालयों से दूर रहने की हिदायत दी है गौरतलब है कि पहले की सरकारों में पले बढ़े शिक्षा माफिया इस सरकार में भी लगातार मानक के खिलाफ नए विद्यालय खोलते चले जा रहे थे और इन विद्यालयों से पढ़े विद्यार्थी समाज में सिर्फ और सिर्फ उत्तर प्रदेश की शिक्षा नीति का लगातार फजीहत करा रहे थे।
ऐसे कालेजों और फार्मेसी की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए बुरी खबर है। फार्मेसी में दाखिला लेने वाले छात्र अब सावधान हो जाएं, क्योंकि सरकार ने 427 फार्मेसी कॉलेजों को ब्लैक लिस्ट कर दिया है? ब्लैक लिस्ट की कार्रवाई सर्वाधिक पूर्वांचल के कॉलेजों पर की गई है। बता दें कि पूर्वांचल के आजमगढ़ जनपद के सर्वाधिक 78 फार्मेसी कॉलेज ब्लैक लिस्ट किए गए हैं तो मऊ जनपद के 33 फार्मेसी कॉलेज, गाजीपुर के 32, इसके अलावा मेरठ जिले के 19, जौनपुर के 14, बरेली के 13, बलिया के 12, अंबेडकर नगर की 11, चंदौली के 11, एटा के 10, सोनभद्र अमेठी मथुरा में क्रमशः 9- 9 कॉलेज प्रतिबंधित किए गए हैं। इसके अलावा बहराइच के 8 कॉलेज मुरादाबाद सहारनपुर वाराणसी आगरा अलीगढ़ के 7-7 फार्मेसी कॉलेज लिस्ट में शामिल हैं। कानपुर, गोरखपुर, हरदोई के 6-6 कालेज सहित गोंडा बाराबंकी बुलंदशहर सुल्तानपुर के 5-5 फार्मेसी कॉलेज ब्लैक लिस्ट की सूची में डाले गए हैं। इसके अलावा अयोध्या, बांदा, कासगंज, लखीमपुर खीरी, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद व उन्नाव के 4-4 फार्मेसी कॉलेज और मैनपुरी, प्रयागराज, अमरोहा, बदायूं, बागपत, गाजियाबाद, हाथरस व लखनऊ के तीन-तीन फार्मेसी कॉलेज ब्लैक लिस्ट में शामिल है। अन्य जिलों में भी एक एक दो दो कॉलेजों को ब्लैक लिस्ट किया गया है। प्रदेश में प्राविधिक शिक्षा परिषद में पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है। फार्मेसी कॉलेजों को एनओसी जारी करने में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत हुई थीम् इस पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिलों के जिला अधिकारी की देखरेख में जांच कराई गई। जिसमें 427 कालेजों को एनओसी जारी करने में गड़बड़ी की पुष्टि हुई थी। बतादे कि अब यह कॉलेज लाइफ टाइम आजीवन फार्मेसी कॉलेज चलाने के योग्य नहीं होंगे। बता दें कि सन 2022 में प्रदेश में 1000 फार्मेसी कॉलेजों में बी फार्मा कोर्स चलाने के लिए फार्मेसी काउंसिल के स्टैंडर्ड के आधार पर एनओसी लेकर एनओसी दी गई थी। एनओसी जारी करने के बाद एफिडेविट में बताए गए मानक यानी इंफ्रास्ट्रक्चर की जांच कराई गई तो प्रदेश के 427 कॉलेज झूठे साबित हुए। एफिडेविट में गलत जानकारी देने वाले वाले फार्मेसी कॉलेजों पर शासन ने एक्शन लेते हुए लाइफ टाइम के लिए डिबार किया है। बताया जाता है कि एनओसी लेने वालों फार्मेसी कॉलेजो ने जमकर सरकार को गुमराह किया। सूत्र बताते है कि कालेज कहीं और पर चल रहा है और एफिडेविट कहीं और का लगाया गया है। जांच में अधिकतर कॉलेजों में इस तरह का मामला देखने को मिला था। इसके अलावा एफिडेविट में गलत जानकारी देने वाले कालेजों की सोसाइटी को निरस्त करने के लिए रजिस्टार आफ सोसायटी को लेटर लिखा गया है। वही फार्मेसी कॉलेजों को एनओसी जारी करने के मामले में अभी तक 2 बोर्ड सेक्रेटरी को पद से हटाया जा चुका है। उत्तर प्रदेश टेक्निकल एजुकेशन मिनिस्टर आशीष पटेल ने कहा है कि फार्मेसी कॉलेज चलाने के लिए एफिडेविट में गलत जानकारी देने वाले कॉलेजों की शासन ने एनओसी कैंसिल कर दी है। डीएम की जांच में 427 ऐसे काले सामने आए हैं, जिन्होंने बीटीईयूपी को दिए गए एफिडेविट में गलत जानकारी दी थी। इनके खिलाफ सरकार ने कड़ा कदम उठाया है।

ब्लैक लिस्टेड कालेजों की लिस्ट
427 कॉलेज लिस्ट