पिनटेल व अमरावती ग्रुप की मुश्किलें बढ़ी हजारों करोड़ की ब्लैक मनी को वाइट करने का आरोप, ईडी से जांच की सिफारिश

करोड़ों की कैश लेन-देन के नहीं दे सके ब्योरा

प्रखर लखनऊ। आयकर विभाग के जांच के दायरे में आई राजधानी की रीयल एस्टेट कंपनी पिनटेल और अमरावती ग्रुप के संचालकों की मुश्किल बढ़ने वाली है। आयकर विभाग ने दोनों कंपनियों के संचालकों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लाॅन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई करने की सिफारिश की है। इस संबंध में आयकर विभाग, लखनऊ की अन्वेषण इकाई ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), मुंबई को पत्र भेजा है।दरअसल, आयकर विभाग की जांच में सामने आया है कि हवाला कारोबारी नंदकिशोर चतुर्वेदी के जरिए पिनटेल और अमरावती ग्रुप में महाराष्ट्र के राजनीतिक घराने की काली कमाई को खपाया गया है। करीब 150 शेल कंपनियों के जरिए अरबों रुपये के काले धन को सफेद करने के लिए रीयल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश किया गया। आयकर विभाग ने जून माह में पिनटेल और अमरावती ग्रुप के दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, लखनऊ, वाराणसी, जौनपुर में करीब 50 ठिकानों पर छापे मारे थे। जांच में पता चला कि राजनीतिक घराने की काली कमाई को खपाने वाले नंदकिशोर के खिलाफ मुंबई में सीबीआई और ईडी ने कार्रवाई करनी शुरू की, तो वह भागकर यूपी आ गया। उसने पिनटेल ग्रुप के रोहित सहाय और अमरावती ग्रुप के रवि पांडे के जरिए लखनऊ में करीब 3000 करोड़ रुपये के रीयल एस्टेट प्रोजेक्ट शुरू कर दिए। ईडी की टीमें नंद किशोर को मुंबई में तलाशती रही, जबकि वह लखनऊ में नेताओं की काली कमाई को खपा रहा था। आयकर विभाग द्वारा कई बार नोटिस देने पर भी नंदकिशोर पेश नहीं हुआ।आयकर विभाग ने जब इन कंपनियों के संचालकों को तलब कर रीयल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश की गई रकम का स्रोत पूछा, तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। जांच में सामने आया कि कोलकाता की शेल कंपनियों से फर्जी एंट्री लेकर इन कंपनियों में करोड़ों रुपये भेजे गए। इससे साफ हो गया कि ये कंपनियां मनी लाॅन्ड्रिंग में लिप्त हैं। इसकी जांच पहले से ईडी, मुंबई कर रहा है, लिहाजा आयकर विभाग ने पत्र भेजकर कार्रवाई करने को कहा है। जांच में सामने आया कि अमरावती ग्रुप के रवि पांडेय के रिश्तेदार हरेश मिश्रा ने लखनऊ में तमाम बेशकीमती संपत्तियां खरीदीं। कई सेल डीड में हरेश मिश्रा के दस्तखत मिलने पर जब आयकर विभाग ने हरेश के ठिकानों पर छापा मारा तो 65 करोड़ रुपये नगद के लेन-देन होने का भी खुलासा भी हुआ। बता दें कि हाल ही में आयकर विभाग ने लखनऊ के काकोरी स्थित पिनटेल और ग्रुप की सैंकड़ों बीघा जमीन को जब्त किया है। इनको खरीदने में हरेश मिश्रा की भूमिका सामने आई है।