चिरईगांव ब्लाक के नरायनपुर ग्राम पंचायत के सचिव ने अपने ही प्रधान पर लगाए गंभीर आरोप, उच्च अधिकारियों से की शिकायत

साधन सहकारी समिति के छत निर्माण मे घटिया सामग्री व ग्राम सभा में लगे इंटरलॉकिंग को उखाड़ने का लगाया आरोप

प्रखर चिरईगांव वाराणसी। आम तौर पर ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों में अनियमितता या घोटाले की शिकायत वहां के ग्रामीण अथवा जन प्रतिनिधि करते हैं लेकिन चिरईगांव विकास खण्ड में एक ऐसा भी प्रकरण सामने आया है जब ग्राम पंचायत में कराये गये विकास कार्यों में ग्राम प्रधान द्वारा अनियमितता की शिकायत ग्राम पंचायत सचिव ने स्वयं उच्चाधिकारियों से करते हुए स्वयं को वहां से हटाये जाने की मांग की है। स्थानीय विकास खण्ड के ग्राम पंचायत नरायनपुर मे तैनात ग्राम विकास अधिकारी /ग्राम पंचायत सचिव शैलेन्द्र कुमार सोनकर ने ग्राम प्रधान सेवक यादव पर शासन के निर्देशों के विपरित कार्य करने व सरकारी धन का ग़लत भुगतान कराने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। पंचायत सचिव ने डीपीआरओ को लिखे शिकायती पत्र में आरोप लगाया कि गांव में स्थित साधन सहकारी समिति के भवन की छत मे पुराने एवं घटिया मैटेरियल का प्रयोग ग्राम प्रधान द्वारा किया गया है ऐसे में साधन सहकारी समिति का छत एक दम कमजोर है जो कभी भी धराशायी हो सकता है।पंचायत सचिव का कहना है कि ग्राम प्रधान शासन के प्राथमिकता वाले एसएलडब्ल्यूएम से सम्बन्धित कार्यों की अनदेखी कर बिना प्रस्ताव के खंडंजा, इण्टरलाकिंग व हैण्ड पम्प की बोरिंग दिखा कर गलत ढंग से भुगतान करना चाहते हैं। ग्राम पंचायत सचिव ने नारायनपुर ग्राम पंचायत में कराये गये विकास कार्यों की जांच कराने के साथ ही स्वयं को नारायनपुर से हटाये जाने की मांग करते हुए लिखा है कि अब ऐसे ग्राम प्रधान के साथ कार्य कर पाना मेरे लिए संभव नहीं है। हालांकि ग्राम पंचायत सचिव ने उक्त प्रकरण की लिखित शिकायत बीते 19 अगस्त को खण्ड विकास अधिकारी एवं एडीओ पंचायत से भी कई थी। लेकिन उक्त अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी। तो ग्राम पंचायत सचिव ने उक्त प्रकरण की शिकायत डीपीआरओ से करते हुए उचित कार्रवाई करने की मांग की है। इधर ग्रामीणों में भी प्रधान द्वारा किया गया भ्रष्टाचार चर्चा विषय बना हुआ है । उक्त शिकायत के क्रम में ग्राम प्रधान से बात की गई तो उन्होंने बताया की शिकायत के विषय में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। अगर उनके द्वारा या किसी ने शिकायत की है तो अधिकारी या फिर जेई आदि लोग आकर जांच करेंगे कि कार्य में प्रयोग सामग्री घटिया है कि नहीं। सभी कार्य का वीडियो बनाया गया है, जब से कार्य हो रहा है तब से लेकर अब तक का। अभी तक कोई अधिकारी जांच करने नहीं आया है। लेकिन आगे आने वाले हैं। शिकायत के एवज में ग्राम पंचायत के सेक्रेटरी को कई बार फोन लगाने के बाद उनका फोन नहीं उठाया।