लखनऊ जैसे हाईटेक शहर के मरीज को जौनपुर में मिली राहत


ढाई महीने तक आपरेशन के लिये टालते रहे राजधानी के चिकित्सक

लैप्रोस्कोपिक सर्जन डा. विकास यादव ने आपरेशन करके पहुंचाई राहत

प्रखर जौनपुर। किसी भी बीमारी के समुचित उपचार हेतु अमूमन लोग छोटे शहरों से निकलकर वाराणसी, इलाहाबाद, लखनऊ जैसे बड़े शहरों की ओर जाते हैं, क्योंकि छोटे की अपेक्षा बड़े शहरों में व्यवस्था सुदृढ़ मिलती है। वहीं एकाध बार ऐसा मामला सामने आ जाता है कि बड़े शहरों को छोड़कर लोग छोटे की ओर इसलिये चल देते हैं, क्योंकि उन्हें अच्छी सलाह, उपचार, व्यवहार के साथ अच्छे ढंग से आपरेशन की व्यवस्था मिल जाती है। ऐसा ही एक मामला नगर के नईगंज में स्थित वासुदेव अस्पताल में सामने आया है जहां सूबे की राजधानी लखनऊ जैसे हाईटेक शहर से एक मरीज आकर अपना आपरेशन कराये जो पूरी तरह से सफल रहा। इस बाबत पूछे जाने पर अस्पताल के संचालक सर्जन डा. विकास यादव ने बताया कि राजीव जायसवाल नामक एक मरीज लखनऊ से उनके यहां आये। पूछताछ एवं जांचोपरांत में पता चला कि उनकी पिथ की रैली में पथरी है जो पूरी तरह से चिपकी हुई है। इतना ही नहीं, अब वह सड़न की ओर बढ़ रही थी। डा. यादव ने बताया कि बीते 18 जुलाई को राजीव जायसवाल के पेट में दर्द शुरू हुआ जिस पर परिजन लखनऊ के एक बड़े सरकारी अस्पताल ले गये जहां पता चला कि पिथ की थैली में पथरी है। अस्पताल में भर्ती होने के बाद शूगर की समस्या आयी तो आपरेशन टाल दिया गया जिसके बाद पेट में सूजन होने पर आपरेशन टाला गया। कुछ दिन बाद पुन: भर्ती होने पर पथरी चिपकी हुई है, कहकर टाला गया जिसके कुछ दिन बाद पुन: परिजन अस्पताल में भर्ती कराये जहां 3 दिन भर्ती करने के बाद आपरेशन की तिथि तय हुई लेकिन आपरेशन थिएटर तक जाने के बाद चिकित्सकों ने आपरेशन से मना कर दिया।
सर्जन डा. यादव ने बताया कि राजीव जायसवाल के एक रिश्तेदार उन्हें जौनपुर लाये जहां मुझसे मिलने पर जांचोपरांत परिजन की संस्तुति पर उनका आपरेशन हुआ जो पूरी तरह से सफल रहा। शूगर को नियंत्रित करते हुये पिथ की थैली में चिपकी पथरी को दूरबीन के माध्यम से निकाला गया। मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उन्होंने बताया कि वह लैप्रोस्कोपिक मिनिमल इनवासिव सर्जन हैं। वह नायर अस्पताल मुम्बई, संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल दिल्ली, वल्र्ड लैप्रोस्कोपिक अस्पताल गुरूग्राम जैसे संस्थान में सेवा देने के बाद अब जौनपुरवासियों की सेवा करने के लिये यहां आ गया हूं।