उन्नाव में बिजली से नही मरे थे चार बच्चे, पापी पिता ने जहर देकर की थी हत्या, बड़ा खुलासा

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प्रखर एजेंसी। उन्नाव में हुए चार बच्चों की मौत के मामले में नया खुलासा हुआ है। गुनाह को दबाने के लिए आखिर पुलिस-प्रशासन की सभी कोशिशें नाकाम हो गईं। लालमनखेड़ा गांव में चार मासूम भाई-बहनों की हुई मौत की घटना में आरोपी पिता ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि चार मासूमों की मौत करंट लगने से नहीं, बल्कि गेहूं में डालने वाली कीटनाशक दवा खिलाने के बाद मुंह दबाने से हुई थी। आरोपी ने बताया कि गांव की एक महिला से संबंध को लेकर पत्नी से रोज-रोज के झगड़े से ऊबकर उसने यह हैवानियत भरा कदम उठाया है। पत्नी ने थाने में अवैध संबंधों में बच्चों की हत्या करने की तहरीर दी है। पुलिस ने आरोपी पति को हिरासत में लिया है। पिता के कबूलनामे ने पुलिस की लीपापोती से पर्दा उठा दिया है। रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना में हैरतअंगेज पहलू यह है कि अभी जिले की पुलिस बयां की गई हकीकत से कदम पीछे कर करंट से मौत की बात ही कह रही है। बारासगवर थानाक्षेत्र के गांव लालमनखेड़ा में 19 नवंबर को वीरेंद्र कुमार पासवान के बेटे मयंक (9), बेटी हिमांशी (8), हिमांक (6) और मांशी (4) के शव घर के अंदर कमरे में पड़े मिले थे। शवों के ऊपर बिजली का पंखा (फर्राटा) पड़ा हुआ था। पंखा देख सभी ने करंट से मौत होने की आशंका जताई थी।पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम कराया था। रिपोर्ट में जहर देने के साथ गला दबाने से मौत की पुष्टि हुई थी। लेकिन, पुलिस ने पूरे घटनाक्रम की थ्योरी ही बदल दी थी। एसपी के मुताबिक बच्चों की मौत करंट लगने से हुई थी न कि जहर खाने से। घटना को दबाने के लिए पुलिस ने छह दिन तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की। मृत बच्चों के परिजन और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्याम त्रिपाठी के कहने के बाद भी पुलिस ने उन्हें रिपोर्ट नहीं दिखाई। घटना के बाद से बच्चों के ननिहाल पक्ष से नानी, मामा और चचेरे मामा ने भी हत्या की बच्चों के पिता वीरेंद्र पर ही आशनाई के चक्कर में हत्या का आरोप लगाया।