प्रतिदिन अयोध्या में 150 तो काशी में 200 होती है रजिस्ट्री, संख्या में दोगुनी रफ्तार से इज़ाफा!

काशी में रजिस्ट्री का टर्नओवर 16000 करोड़ तो अयोध्या में पहुंचा 3500 करोड़ पर

अयोध्या में रजिस्ट्री 28 हजार से 50 हजार तो काशी में 40 से 72 हजार वार्षिक पर पहुंची संख्या

प्रखर डेस्क। धार्मिक राजधानी कही जाने वाली काशी, वही दूसरी तरफ राम की नगरी अयोध्या श्रीराम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर इन दिनों लगातार चर्चा में है। इसके अलावा एक नई चर्चा यह है कि अयोध्या व काशी में जमीन की रजिस्ट्री कराने की संख्या दोगुनी हो गई है। दोनों शहरों में आस्था के सुनामी की वजह से आश्रम, होटल, गेस्ट हाउस, रेस्ट हाउस और मंदिरों के लिए जमीन पाने की होड़ मची हुई है। 5 साल पहले जहां अयोध्या में सालाना 28000 रजिस्ट्री होती थी, वहीं बीते वर्ष रजिस्ट्री की संख्या 50000 को पार कर चुकी है। दूसरी तरफ काशी की बात करें तो इसी अवधि में रजिस्ट्री की संख्या 40000 से बढ़कर 72000 सालाना को पार कर चुकी है। अनुमान है कि आने वाले समय में प्रतिवर्ष 1 लाख के आसपास वाराणसी में रजिस्ट्री होगी। बता दें कि धार्मिक नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर के बाद विश्व स्तरीय क्रिकेट स्टेडियम की घोषणा के बाद रजिस्ट्री करने वालों की संख्या में लगातार इजाफा देखा जा रहा है। जमीन में इन्वेस्ट करने वालों का रुझान लगातार काशी और अयोध्या की तरफ बढ़ता जा रहा है। रजिस्ट्री राजस्व विभाग के एक आंकड़े के अनुसार बीते 5 वर्ष पूर्व में 92 करोड़ का राजस्व रजिस्ट्री से होता था, लेकिन वही बढ़कर बीते वर्ष 177 करोड़ पहुंच गया। रजिस्ट्री वाली जमीन की सरकारी कीमत 3500 करोड रुपए को भी पार कर चुकी है। काशी की बात करें तो रजिस्ट्री वाली जमीन की सरकारी कीमत 8200 करोड़ से बढ़कर 16000 करोड रुपए पर कर चुकी है। माना जा रहा है कि अयोध्या में जमीन की कीमत अगले 5 साल में नोएडा को टक्कर दे सकती है।