सांसद बेटे ने एक्स से हटाया कांग्रेस का नाम
प्रखर डेस्क। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। उन्होंने शनिवार को अपना छिंदवाड़ा दौरा रद्द किया और भोपाल होकर दिल्ली के लिए रवाना हुए। उनके साथ उनके सांसद बेटे नकुलनाथ भी दिल्ली जा रहे हैं। इस दौरे को लेकर प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। दिल्ली में शनिवार से भाजपा का राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू हो रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत प्रदेश भाजपा के कई बड़े नेता दिल्ली में हैं। राजनीतिक सूत्रों का दावा है कि छिंदवाड़ा में कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुल नाथ ने शुक्रवार को अपने समर्थकों के साथ बैठक की। उनसे भाजपा में जाने को लेकर रायशुमारी की गई। इसके बाद उनके भाजपा में शामिल होने की संभावनाओं को बल मिल गया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने जिन नेताओँ से बात की है, उनमें गोविंद राय, विश्वनाथ ओकटे, दीपक सक्सेना और सुनील जायसवाल के साथ-साथ अरुणोदय चौबे और रामू टेकाम एवं अऩ्य नेता शामिल थे। इन नेताओं के साथ बंद कमरे में चर्चा के बाद अटकलों का बाजार गरमा गया है कि कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुल नाथ भाजपा में शामिल होने वाले हैं। हालांकि, कांग्रेस के छिंदवाड़ा जिला अध्यक्ष विश्वनाथ ओकटे ने कहा कि यह सिर्फ चर्चा है। ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के साथ दोपहर दिल्ली के लिए रवाना हो गए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ-साथ भाजपा के कई वरिष्ठ नेता कह चुके हैं कि कमलनाथ का पार्टी में स्वागत है। शर्मा ने कहा था कि कांग्रेस ने राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम का विरोध किया। इस विरोध के चलते जिन कांग्रेसियों के मन में कोई पीड़ा है और वह भाजपा में शामिल होना चाहते हैं, तो उनके लिए दरवाजे खुले हुए हैं। उनका स्वागत है। इससे पहले पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इंदौर में कहा था कि कमलनाथ भगवान राम का नाम लें और भाजपा में शामिल हो जाए। भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कमलनाथ और नकुल नाथ की तस्वीर सोशल मीडिया पर अपलोड की और लिखा जय श्री राम। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही है। कुछ दिन पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय लिया था। इसके बाद से ही अटकलें तेज हो गई हैं कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव कमलनाथ के चेहरे पर लड़ा था। हार के बाद केंद्रीय नेतृत्व ने अचानक प्रदेश संगठन में बदलाव किया। कमलनाथ को विदा किया और जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। इसके बाद से उनके नाराज होने की चर्चा चल रही थी। वह पिछले कुछ समय से पार्टी के कार्यक्रमों में भी दिखाई नहीं दिए। यहां तक कि कांग्रेस से राज्यसभा के उम्मीदवार अशोक सिंह के नामांकन के दौरान भी विधानसभा में मौजूद नहीं रहे थे।