83 करोड़ की लागत से गंगा नदी पर बन रहा पुल टूटा


ठेकेदार ने भाजपा को कितना चंदा दिया, अखिलेश का तंज

एडिकोन नाम की कंपनी है कार्यदायी संस्था

प्रखर बुलंदशहर। क्षेत्र के गांव माजरा माली की मडैया में 83 करोड़ की लागत से गंगा नदी पर बनाए जा रहे पुल के तीन बीम बीच से टूटकर गिर गए। बताया जा रहा है कि दो बीम टूटकर नीचे गिर गए, जबकि एक बीम पिलर पर रखा हुआ ही टूट गया। पुल के बीम टूटने पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए पूछा कि ठेकेदार ने भाजपा को कितना चंदा दिया है। हालांकि हादसे में किसी को चोट नहीं आई है। पुल के बीम टूटने की घटना पर डीएम सीपी सिंह ने सीडीओ कुलदीप मीना की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर जांच के निर्देश दिए हैं। बुलंदशहर और अमरोहा को जोड़ने के लिए क्षेत्र के माजरा माली की मडैया में गंगा नदी पर 83 करोड़ से निर्माणाधीन पुल के बीम अचानक नीचे गिर गए और एक बीम पिलर पर रखा हुआ ही टूट गया। बीम गिरने की आवाज पर मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने गिरे बीम को जेसीबी की मदद से रेती में दबाने का प्रयास किया, लेकिन मौके पर पहुंचे लोगों ने कर्मचारियों को कार्य करने से रोक दिया और अधिकारियों को सूचना दी। बीम टूटने के बाद अधिकारियों ने इसे दैवीय आपदा साबित करते हुए शुक्रवार को ही बीम डालने की बात कही, लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि बीम को जमीन पर कास्ट करने के बाद करीब एक सप्ताह पहले ही पिलर पर सेट किया गया था। इसके बाद भी न तो बीम में लगी सामग्री की गुणवत्ता और न ही बीम की मजबूती की जांच की गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सेतु निगम के अधिकारियों की लापरवाही के कारण आए दिन कार्यदायी संस्था एडिकोन के अधिकारी और कर्मचारी लगातार दोयम दर्जे की सामग्री का प्रयोग कर रहे हैं। बार-बार शिकायत के बाद भी न तो सामग्री की गुणवत्ता में सुधार हुआ और न ही किसी अधिकारी पर कार्रवाई की गई। सेतु निगम के अधिकारियों की लापरवाही की स्थिति यह है कि पुल के लिए बीम कास्ट कर दिए गए, लेकिन इसकी मजबूती और सामग्री की गुणवत्ता की जांच भी नहीं कराई गई। बीम में लगाई गई सामग्री की गुणवत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी बीम पर न तो स्लैब कास्ट की गई थी और न ही अन्य कोई लोड था, इसके बाद भी बीम बीच में से ही टूट गया। निर्माणाधीन पुल के बीम गिरने की सूचना पर विधायक देवेंद्र लोधी मौके पर पहुंचकर कार्रवाई का तो दावा करने लगे, लेकिन लोगों ने आरोप लगाया कि पूर्व में शिकायत के बाद भी सामग्री की गुणवत्ता में सुधार के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाया। करीब एक साल पहले भी पुल के पिलर में दरार आ गई थी, इस पर कई बार लोगों ने हंगामा करते हुए उच्च गुणवत्ता से कार्य कराने के मांग की थी। इसके बाद अधिकारियों ने जांच कराने के लिए आईआईटी के विशेषज्ञ प्रोफेसर को भी बुलाया, लेकिन मामला रफा-दफा कर दिया गया।