क्या अफजाल के जाल को काट पाएंगे बीजेपी के पारस?


प्रखर गाजीपुर। भाजपा ने चर्चाओं के गर्म बाजार को राजनीति के कुटनीतिक जल फौवारे से शांत करने का सफल प्रयास किया है। लेकिन गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के लिए अपने प्रत्याशी की घोषणा करके राजनीति को एक बार फिर गर्म कर दिया है। गाजीपुर की राजनीति को चौंकाते हुए भाजपा ने पारसनाथ राय को अपना उम्‍मीदवार घोषित किया है। पारसनाथ राय की घोषणा होते ही अटकलों का बाजार खत्म हो गया लेकिन जिले में सियासी पारा एक बार भी गरम हो गया है। नाम को लेकर राजनीतिक पंडित अलग-अलग तरीके से व्‍याख्‍या करने लगे हैं। लेकिन यह चर्चा भी सबसे ज्‍यादा रही और साबित भी हो गया कि गाजीपुर जिले में भारतीय जनता पार्टी के अंदर जो महामहीम चाहेंगे वही होगा! भले ही पारस नाथ राय भाजपा संघ से अपनी शुरुआत करते हुए, भाजपा की राजनीति में आए। लेकिन दूर-दूर तक उनके नाम की चर्चा नहीं थी। सूत्र बताते है कि बीजेपी की सक्रिय राजनीति में पारसनाथ राय बहुत सक्रिय नहीं थे। लेकिन मनोज सिन्हा गाजीपुर से जब भी चुनावी मैदान में उतरे, वो फ्रंट लाइन में रहकर उनका पूरा चुनावी कमान संभालते थे। लेकिन सवाल यह भी है कि पारसनाथ राय की राह क्या आसान होगी! अब देखना यह है कि पारसनाथ राय अफजाल के जाल को कैसे काटते हैं? यह उनके लिए बड़ी जीत के साथ बड़ी चुनौती होगी। वहीं बीच में चर्चा यह भी चल रही थी कि जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के बेटे को यहां से चुनाव लड़ाया जाएगा। चर्चाओं के बीच मनोज सिन्हा के पुत्र गाजीपुर लोकसभा में सक्रिय भी हो गए थे। लेकिन मनोज सिन्हा के करीबी रहे पारसनाथ राय को टिकट देकर भाजपा ने सबको चौंका दिया। वहीं सूत्रों का कहना है कि बीजेपी ने मनोज सिन्हा के बेटे को टिकट इसलिए नहीं दिया कि बीजेपी में भी अन्य दलों की तरह वंशवाद बू न आए और विपक्ष उन पर हमलावर ना हो सके। जाति समीकरण की बात करें तो गाजीपुर लोकसभा सीट पर जातीय समीकरण ही पिछली बार भाजपा के हार का कारण बना था। और मनोज सिन्हा को भारी मतों के अंतर से अफजाल अंसारी ने हराया था। बताते चलें कि पूर्वांचल के बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी 2004 से 2009 तक पहले भी यहां से सांसद रह चुके हैं । इसी तरह मनोज सिन्हा भी दो बार सांसद रह चुके थे । आंकड़ों के अनुसार इस सीट पर सर्वाधिक संख्या यादव मतदाताओं की है और उनके बाद दलित एवं मुस्लिम मतदाता हैं। यादव , दलित और मुस्लिम मतदाताओं की कुल संख्या गाजीपुर संसदीय सीट की कुल मतदाताओं की संख्या की लगभग आधी है। यही कारण रहा कि मनोज सिन्हा पर अफजाल अंसारी भारी पड़ गये । इसके अलावा यादव बाहुल्य सीटों पर भाजपा की जीत में सवर्ण वोटरों के साथ कुशवाहा वोटर व कुछ अन्य ओबीसी वोटरों के जुड़ने के कारण होती रही है। लेकिन यहां कुशवाहा समाज पिछली बार कांग्रेस प्रत्याशी अजीत कुशवाहा के साथ चला गया था। कुशवाहा समाज की आबादी यहां ढाई लाख से अधिक है। इसके अलावा डेढ़ लाख से अधिक बिंद, पौने दो लाख के आसपास राजपूत और लगभग एक लाख वैश्य मतदाता हैं । अब अगर गाजीपुर लोकसभा के क्षेत्र में आने वाली विधानसभाओं की बात करें तो गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में आने वाली पांचो विधानसभाएं सपा के खेमे में है। बतादे कि पिछले विधानसभा चुनाव में सपा और ओपी राजभर की सुभासपा ने गठबंधन किया था । सभी पांच सीटों पर भाजपा और उसके सहयोगियों को हार मिली और सपा – सुभासपा ने सभी सीटें जीत ली थीं । जखनियां सीट पर सुभासपा के त्रिवेणी राम ने जीत हासिल की थी। सैदपुर सीट पर सपा के अंकित भारती, ग़ाज़ीपुर सदर सीट पर सपा के जय किशन , जंगीपुर में सपा के वीरेंद्र यादव और जमानिया सीट पर सपा के ही पुराने नेता ओमप्रकाश सिंह विधायक चुने गए थे। अब सपा के पांचो विधायक होने के बाद पारसनाथ राय के लिए लोकसभा चुनाव बेहद चुनौती पूर्ण होगा। पारसनाथ राय विकास खंड मनिहारी अन्तर्गत सिखड़ी गांव के मूल निवासी हैं। इनके पिता स्वर्गीय श्री उमाकांत राय एक संभ्रांत किसान थे। पारसनाथ राय का सम्‍बंध पढ़ाई के दौरान बीएचयू में मनोज सिन्‍हा से हुआ। पढ़ाई समाप्‍त करने के बाद पारसनाथ राय ने सिखड़ी में आकर मालवीय जी के प्रेरणा से पंडित मदन मोहन मालवीय सिखड़ी इंटर कालेज की स्‍थापना के बाद क्षेत्रीय अभिभावकों के अनुनय सम्मान को महत्व देते हुए शबरी पीजी कालेज सिखड़ी की स्‍थापना की। बाद में सीबीएसई बोर्ड से संबंधित विद्या पब्लिक स्कूल भी संचालित किए।जब-जब मनोज सिन्‍हा गाजीपुर का लोकसभा चुनाव लड़ते थे, तब-तब उनके चुनाव संचालन में पारसनाथ राय महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते थे। पहली बार सक्रिय राजनीति में भाजपा ने उन्‍हे लोकसभा प्रत्याशी बनाया है। अब अगर पारस राय के बारे में बात की जाए तो पारसनाथ राय बहुत लम्बे समय से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े थे। वे 1986 मे संघ के जिला कार्यवाह सहित विभिन्न पदों पर सफल दायित्व निर्वहन कर चुके हैं। वर्तमान समय में संघ जौनपुर के सह विभाग सम्पर्क प्रमुख तथा क्रय विक्रय सहकारी समिति जंगीपुर के अध्यक्ष हैं। पारसनाथ राय शबरी महिला महाविद्यालय सिखड़ी, पं मदन मोहन मालवीय इंटर कालेज तथा विद्या पब्लिक स्कूल के प्रबंधक भी है। अब देखना है कि राजनीति और बाहुबल में मजे खिलाड़ी अफजाल अंसारी का सामना कैसे करते हैं।